नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कथित तौर पर "अपमानजनक और अवमाननापूर्ण" टिप्पणी को लेकर राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ 21 आदिवासी भाजपा सांसदों ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है। यह विवाद 31 जनवरी को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के बाद राष्ट्रपति के प्रति सोनिया गांधी की कथित टिप्पणी के बाद शुरू हुआ।
78 वर्षीय सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन के बाद कथित रूप से कहा कि "वह बहुत थक गई थीं" और "बेचारी, वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही थीं।" यह टिप्पणी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसके बाद भाजपा सांसदों ने इसे राष्ट्रपति पद की गरिमा के खिलाफ बताते हुए कार्रवाई की मांग की।
भाजपा सांसदों की आपत्ति
भाजपा सांसदों ने अपने नोटिस में कहा कि सोनिया गांधी की यह टिप्पणी देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के सम्मान और गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है। उन्होंने कहा, "इस तरह की टिप्पणी न केवल राष्ट्रपति पद की प्रतिष्ठा को कम करती है, बल्कि संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं की पवित्रता का भी उल्लंघन करती है।"
BJP MPs move Notice for Breach of Parliamentary Privilege, Ethics and Propriety "through usage of derogatory and slanderous words against President of India with the motive to lower the dignity of the highest office" by Rajya Sabha MP Sonia Gandhi. pic.twitter.com/8N695xgPl6
— ANI (@ANI) February 3, 2025
सांसदों ने आगे कहा कि संसद में नैतिकता और आचार संहिता के तहत किसी भी सदस्य को अन्य सदस्यों के खिलाफ अपमानजनक या मानहानिकारक शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने सोनिया गांधी की टिप्पणी को "भेदभावपूर्ण और आदिवासी विरोधी मानसिकता" का प्रतीक बताया।
सख्त कार्रवाई की मांग
भाजपा सांसदों ने अपने नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि "सांसद द्वारा विशेषाधिकार का दुरुपयोग स्वीकार नहीं किया जा सकता।"
उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ "उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई" की मांग की और कहा कि "इस गंभीर मामले को देखते हुए, खासकर जब यह देश के राष्ट्रपति से संबंधित है, सोनिया गांधी के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकारों, नैतिकता और गरिमा के उल्लंघन के लिए अनुकरणीय कार्रवाई की जाए।"