नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की परेशानी एक बार फिर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। इस बार फिर उन पर एसीबी ने अपना फंदा कसा है और उन्हें जांच के लिए बुलाया है। एसीबी के पास जांच में जाने से पहले मनीष सिसोदिया ने कहा है कि यह कार्रवाई पूरी तरीके से "फर्जी" है। उन्होंने कहा कि उन पर बार-बार फर्जी मामले दर्ज कर उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। सिसोदिया ने कहा, “एसीबी मुझसे उन्हीं मामलों को लेकर पूछताछ कर रही है जो पूरी तरह से तथ्यहीन और निराधार हैं। यह सब राजनीतिक द्वेष के तहत किया जा रहा है ताकि मेरी छवि को खराब किया जा सके।”

'लोकप्रियता से डरती है बीजेपी'

उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार और भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता से डरती है, और इसलिए उन्हें झूठे मामलों में फंसाकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की शह पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है और राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। सिसोदिया ने कहा कि वे सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे और सच जनता के सामने आएगा। बयान देने के बाद मनीष सिसोदिया अपने घर से एसीबी दफ्तर के लिए रवाना हो गए, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी।

आप नेताओं पर 200 से ज्यादा केस

दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है, 'फिर से आप नेता से एक फर्जी केस के नाम पर पूछताछ की जा रही है। यह झूठा आरोप बीजेपी के झूठे मामलों की सीरीज़ में एक नया एपिसोड है। 10 साल से बीजेपी की केंद्र सरकार ने और उनकी एजेंसियों ने सिर्फ आप नेताओं पर फर्जी केस लगाए हैं।' आतिशी का दावा है कि बीजेपी ने पिछले 10 साल में आम आदमी पार्टी के नेताओं पर 200 से फर्जी ज्यादा केस लगाए हैं। हालांकि, 10 साल में ईडी, सीबीआई, दिल्ली पुलिस, आईटी टीम, एसीबी आदि की जांच, रेड और फाइलो में किसी भी आप नेता के पास से एक रुपये के भी भ्रष्टाचार का सबूत नहीं मिला है। 

आप नेता आतिशी ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी का ऐसा कोई नेता नहीं बचा है, जिसके घर पर ईडी-सीबीआई की रेड न हुई हो, उनके लॉकर या बैंक अकाउंट न खंगाल कर देखे गए हों। इसके बावजूद किसी के पास भी भ्रष्टाचार का एक रुपया नहीं मिला। न ही किसी फर्जी केस में चवन्नी भर का सबूत भी कोर्ट में पेश किया गया। 

मनीष सिसोदिया पर केस 

गौरतलब है कि भाजपा नेताओं ने मनीष सिसोदिया पर यह मामला दर्ज कराया था। बताया जा रहा है कि यह मामला करीब 2,000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से जुड़ा है, जो 12,748 क्लासरूम और इमारतों के निर्माण में सामने आया है। एसीबी की जांच में खुलासा हुआ है कि क्लासरूम्स को सेमी परमानेंट स्ट्रक्चर रूप में बनाया गया, जिसकी उम्र 30 साल होती है, लेकिन इसकी लागत आरसीसी क्लासरूम्स के बराबर निकली, जिसकी उम्र 75 साल होती है। इन सभी परियोजनाओं को जिन ठेकेदारों को दिया गया था, उन सभी का संबंध आम आदमी पार्टी से बताया गया था। इसी मुद्दे पर लगातार एसीबी की जांच आगे बढ़ रही है।