रांची: झारखंड विधानसभा में बुधवार से लगातार धरना-प्रदर्शन-हंगामा कर रहे भाजपा के विधायकों के खिलाफ स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने कुल 18 विधायकों को दो अगस्त 2024 के दोपहर दो बजे तक सदन से सस्पेंड कर दिया है। स्पीकर ने विधानसभा की सदाचार समिति को इन विधायकों के आचरण की जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
स्पीकर के इस एक्शन पर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में तानाशाही चल रही है। वहीं दूसरी ओर झामुमो और कांग्रेस ने कहा है कि विपक्ष केवल एक मुद्दा बना रहा है और इस मामले में सीएम ने बुधवार को ही कह दिया है विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा।
विधायकों ने वेल में आकर किया था हंगामा
गुरुवार को 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक एक बार फिर वेल में आकर हंगामा करने लगे। वे युवाओं की नौकरी, अनुबंध पर काम करने वालों के स्थायीकरण जैसे मुद्दों पर सीएम हेमंत सोरेन से तत्काल जवाब देने की मांग कर रहे थे।
झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने विपक्षी विधायकों के आचरण को संसदीय परंपराओं के प्रतिकूल बताते हुए कहा कि इन्होंने सदन को हाईजैक करने की कोशिश की है। उन्होंने इन सभी विधायकों के खिलाफ विधानसभा की नियमावली के तहत कार्रवाई का प्रस्ताव रखा।
हंगामे के बाद स्पीकर ने लिया एक्शन
इसके बाद स्पीकर ने भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों और विधानसभा कार्य संचालन नियमावली के नियम 299, 300 और 310 का हवाला देते हुए विधायकों को दो अगस्त 2024 के दोपहर दो बजे तक सदन से निलंबित करने का आदेश दिया।
गौर करने वाली बात यह है कि विधानसभा के चालू मानसून सत्र का समापन दो अगस्त को ही होना है। यानी इस सत्र में निलंबित विधायक विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे।
इन विधायकों को किया गया है सस्पेंड
जिन विधायकों को निलंबित किया गया है, उनमें रणधीर सिंह, अनंत ओझा, नारायण दास, अमित कुमार मंडल, डॉ नीरा यादव, किशुन कुमार दास, केदार हाजरा, बिरंची नारायण, अपर्णा सेन गुप्ता, राज सिन्हा, कोचे मुंडा, भानु प्रताप शाही, समरी लाल, चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, कुशवाहा शशिभूषण प्रसाद मेहता, नवीन जायसवाल, आलोक चौरसिया और पुष्पा देवी शामिल हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने क्या कहा
गुरुवार सुबह नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “जोहार झारखंड! माटी, बेटी, रोटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में.. झारखंड विधानसभा परिसर में राज्य के युवाओं और अनुबंध कर्मियों के हक व अधिकार की लड़ाई जारी है। युवाओं के पांच साल बर्बाद हुए और अनुबंध कर्मियों के साथ जो ठगी हुई, उसका जवाब मुख्यमंत्री को देना होगा!”
झामुमो और कांग्रेस सदस्यों ने क्या कहा
स्पीकर के पिछले कामों और उनकी राजनीतिक संबद्धता का हवाला देते हुए विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने उन्हें पक्षपाती बताया है और उनकी आलोचना की है। वहीं दूसरी ओर कृषि मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने भाजपा के विधयाकों को बिना मुद्दे का बात बनाने और नाटक करने का आरोप लगाया है।
अमर कुमार बाउरी ने कहा है कि सीएम हेमंत सोरेन ने पहले ही भाजपा विधायकों के सवालों का समाधान करने का वादा कर चुकी हैं।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि बुधवार को सदन में दूसरी पाली की कार्यवाही के दौरान जब ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिए जा रहे थे, तब नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने युवाओं की नौकरी, अनुबंध पर काम करने वालों से जुड़ा विषय उठाया था और सीएम हेमंत सोरेन से तत्काल जवाब देने की मांग की थी।
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि जब तक सीएम इन मुद्दों पर जवाब नहीं देते, भाजपा के विधायक सदन में ही जमे रहेंगे।
इसके बाद भाजपा विधायक नारेबाजी करने लगे। हंगामे की वजह से स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी, लेकिन इसके बाद भी विरोध कर विधायक सदन में जमे रहे। उन्हें देर रात 10 बजे मार्शलों ने खींचकर और उठाकर सदन के बाहर कर दिया।
इसके बाद भी भाजपा के विधायकों का धरना-प्रदर्शन जारी रहा और देर रात मार्शल आउट किए गए भाजपा के विधायकों ने बुधवार की पूरी रात विधानसभा पार्किंग की लॉबी में फर्श पर सोकर गुजारी।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ