नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे 18 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि इनमें से पांच लोग ट्रांसजेंडर का वेश धारण करके रह रहे थे, ताकि उनकी पहचान ना हो सके।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को सात मोबाइल फोन में प्रतिबंधित मैसेजिंग ऐप 'IMO' इंस्टॉल मिला, जिसका इस्तेमाल ये लोग बांग्लादेश में अपने परिवारों से संपर्क के लिए कर रहे थे। यह ऐप भारत में प्रतिबंधित है और अक्सर संदिग्ध संचार के मामलों में देखा जाता है।

दो चरणों में चली छापेमारी

दिल्ली के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, पहली छापेमारी में करीब 100 झुग्गियों और 150 गलियों को घेरकर जांच अभियान चलाया गया। शुरुआत में एक व्यक्ति ने गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसने खुद को बांग्लादेशी नागरिक बताया।

पुलिस ने आगे जांच की तो उसके परिवार के अन्य सदस्य भी सामने आए। कुल मिलाकर पहले अभियान में 13 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए जिनमें 10 वयस्क और 3 बच्चे शामिल थे। ये लोग बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे थे।

ट्रांसजेंडर बनकर रह रहे थे 5 बांग्लादेशी

दूसरे अभियान में, पुलिस ने पांच ऐसे लोगों को पकड़ा, जो ट्रांसजेंडर का भेष धारण किए हुए थे। उन्होंने वेशभूषा, विग, मेकअप, और यहां तक कि हल्की सर्जरी व हार्मोनल ट्रीटमेंट के जरिये अपनी आवाज और शरीर की बनावट में बदलाव किया था, ताकि भीड़भाड़ वाले इलाकों में आसानी से घुल-मिल सकें।

पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे प्रशासन की निगरानी से बचने के लिए यह तरीका अपनाते थे, खासकर जब कभी रूटीन वेरिफिकेशन की कार्रवाई होती थी।

विदेशी नागरिक सेल को सौंपे गए

गिरफ्तार सभी 18 लोगों को विदेशी नागरिक सेल को सौंप दिया गया है, जहां उनसे पूछताछ और दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस ने बताया कि ये सभी ढाका, खुलना, गाज़ीपुर और अशरफाबाद जैसे बांग्लादेशी जिलों के निवासी हैं।