जम्मू: जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल में कम से कम 17 रहस्यमयी मौतों को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। सरकार ने बताया कि देश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों ने राजौरी जिले के बदहाल गांव में मरने वाले 17 ग्रामीणों के शवों और वहां से एकत्र किए गए खाद्य नमूनों में लगभग आधा दर्जन विषाक्त पदार्थों के निशान हासिल किए हैं। इसके बाद विधायकों मामले में सीबीआई जांच की मांग रखी।

विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक जावेद इकबाल चौधरी के एक सवाल का जवाब देते हुए, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने कहा कि क्लिनिकल रिपोर्ट, प्रयोगशाला जांच और आसपास के नमूने संकेत देते हैं कि ये मौतें बैक्टीरिया या वायरस की वजह से फैलने वाली किसी संक्रामक बीमारी के कारण नहीं हुई हैं। 

उन्होंने कहा, 'इसकी बजाय पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ द्वारा एल्यूमीनियम और कैडमियम की उपस्थिति का पता लगाया गया है। उन्होंने आगे कहा, 'सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ ने एल्डीकार्ब सल्फेट (aldicarb sulfate), एसिटामिप्रिड, डाइएथिलडाइथियोकार्बामेट (diethyldithiocarbamate), क्लोरफेनेपायर (chlorfenapyr) पाया है।'

मंत्री ने आगे कहा, 'डीआरडीई-डीआरडीओ ग्वालियर ने सत्तू और मक्के की रोटी के नमूनों में क्लोरफेनेपायर (और) एब्रिन पाया।' वहीं, एनएफएल, एफएसएसएआई गाजियाबाद ने खाद्य नमूनों में क्लोरफेनेपायर और क्लोरपाइरीफोस के नमूने प्राप्त किए हैं।' इसके अलावा सीएफएसएल चंडीगढ़ ने सभी मृतकों के विसरा नमूनों में क्लोरफेनेपायर पाया है।

किसने दिया लोगों को जहर? सीबीआई जांच की मांग

मंत्री के जवाब के बाद विधायकों को सरकार से मामले में सीबीआई जांच का आदेश देने की मांग की। चौधरी ने कहा, 'कोई निर्दोष लोगों को जहर क्यों देगा।' उन्होंने कहा कि मौतों का सही कारण अभी भी पता नहीं चल पाया है। सीपीआई (एम) विधायक एम वाई तारिगामी ने कहा, 'यह हैरान करने वाली बात है कि रहस्यमय मौतें हुई हैं और कारण अभी भी कोई नहीं जानता है।'

वहीं, मंत्री ने सदस्यों से गृह विभाग की जांच के नतीजे का इंतजार करने के लिए कहा। यह जांच अभी जारी है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद उनकी मांग पर विचार किया जाएगा।

इससे पहले, सरकार ने एक लिखित जवाब में कहा था कि 64 मरीजों को सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, राजौरी में भर्ती कराया गया था और 41 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी।

17 लोगों की मौत पर सवाल

17 ग्रामीणों की मौत 7 दिसंबर, 2024 और 19 जनवरी, 2025 के बीच  हुई थी। पुलिस की जांच चल रही है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह सब एक उत्सव से शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर को जब वे स्थानीय निवासी फजल हुसैन की बेटी सुल्ताना की शादी के लिए एकत्र हुए थे, इसके बाद से वे अब अंतिम संस्कार के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।

मृतक तीन परिवारों- फजल हुसैन, मोहम्मद असलम और मोहम्मद रफीक से जुड़े हुए थे। लगातार मौतों के बाद दहशत फैलने पर प्रशासन ने गांव में सभी सामाजिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वहां एक अंतर-मंत्रालयी टीम भेजी थी।