नई दिल्लीः वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले आठ महीनों में देशभर में 11.70 लाख से अधिक बच्चे स्कूल से बाहर पाए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में दी। चौधरी ने बताया कि इस समय सबसे अधिक स्कूल से बाहर बच्चे उत्तर प्रदेश में हैं, जिनकी संख्या 7.84 लाख है। इसके बाद झारखंड में 65,070 और असम में 63,848 बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे।
स्कूल से बाहर बच्चों की क्या है स्थिति और कैसे संकलित किए जाते हैं आंकड़े?
स्कूल से बाहर बच्चों को उस आयु वर्ग में वर्गीकृत किया जाता है, जिनकी उम्र छह से चौदह वर्ष के बीच होती है और जिन्होंने कभी स्कूल में दाखिला नहीं लिया या 45 दिनों से ज्यादा समय तक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने के बाद स्कूल छोड़ दिया।
इस साल के आंकड़े 2022-23 के मुकाबले थोड़ा सुधार दिखाते हैं, जब 12.5 लाख (1.25 मिलियन) बच्चे स्कूल से बाहर थे। हालांकि, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में, जहां बच्चों की संख्या अधिक है, वहां शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, निम्नलिखित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या इस प्रकार है:
- उत्तर प्रदेश: 7,84,228
- झारखंड: 65,070
- असम: 63,848
- सिक्किम: 74 (राज्यों में सबसे कम)
- लद्दाख: 0
- लक्षद्वीप: 0
- अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह: 2
- पुडुचेरी: 4
शिक्षा मंत्रालय के UDISE+ पोर्टल के अनुसार, 2021-22 शैक्षिक वर्ष में 26.52 करोड़ बच्चों ने स्कूलों में नामांकन कराया था, जिसमें 12.73 करोड़ लड़कियां और 13.79 करोड़ लड़के शामिल थे। यह आंकड़ा दर्शाता है कि स्कूल से बाहर बच्चों को शिक्षा व्यवस्था में फिर से लाने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है।
दुनियाभर में कितने बच्चे नहीं पहुंचे स्कूल?
भारत के अलावा अगर दुनियाभर में स्कूल नहीं पहुंचने वाले बच्चों के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह संख्या करीब 25 करोड़ है। पिछले साल सितंबर में ग्लोबल एजुकेशन मॉनीटरिंग रिपोर्ट और यूनेस्को इंस्टीट्यूट फॉर स्टैटिस्टिक्स ने मिलकर रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया कि 2021 से अब तक (2023) स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या 6 मिलियन बढ़कर 250 मिलियन (25 करोड़) हो गई है।
रिपोर्ट में बताया गया कि इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण अफगानिस्तान में लड़कियों और युवा महिलाओं का शिक्षा से वंचित होना है, साथ ही वैश्विक स्तर पर शिक्षा में स्थिर प्रगति भी इसके लिए जिम्मेदार है। यूनीसेफ द्वार अप्रैल 2023 में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि अफगानिस्तान में 78 लाख बच्चे स्कूल से बाहर हैं। इनमें से प्राथमिक स्तर के लगभग आधे बच्चे ही स्कूल में नामांकित हैं, जबकि माध्यमिक स्तर पर यह आंकड़ा केवल 20% है।
वैश्विक स्तर पर 16% बच्चे और युवा (प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक) स्कूल नहीं जा रहे हैं। प्राथमिक स्तर पर हर 10 में से 1 बच्चा स्कूल से बाहर है। इनमें से 122 मिलियन, यानी 48%, लड़कियां और युवा महिलाएं हैं। उप-सहारा अफ्रीका में स्थिति और गंभीर है, जहां स्कूल से बाहर बच्चों का लगभग 30% हिस्सा है। यहां हर 5 में से 1 बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है, और केवल आधे बच्चे ही उच्च माध्यमिक विद्यालय तक पहुंच पाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसपर चिंता जाहिर की थी। महसभा की एसडीजी शिखर सम्मेलन के दौरान 2030 एजेंडा की प्रगति की समीक्षा में कहा गया कि शिक्षा के लक्ष्यों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए देशों को तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है।