अग्निवीरों के लिए CISF और BSF में 10 फीसदी आरक्षण, उम्र में भी छूट...गृह मंत्रालय का ऐलान

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि पूर्व अग्निवीरों को सरकारी विभागों में नियुक्तियां दी जाएंगी और अगर जरूरत पड़ी तो सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर उनके लिए आरक्षण भी तय किया जाएगा।

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Ex-Agniveers will get 10 percent reservation in Central Armed Police Forces relaxation in physical test will also be given CISF, BSF, RPF

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा है कि पूर्व अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में 10 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है।

नित्यानंद राय ने बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा सीएपीएफ और असम राइफल्स में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) और राइफलमैन के पदों को पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षित कर दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि इन भर्तियों में अग्निवीरों को आयु सीमा और फिजिकल टेस्ट में भी छूट दी जा रही है।

यही नहीं गृह मंत्रालय के तरफ से अग्निवीरों को अर्धसैनिक बल-बीएसएफ और सीआईएसएफ में भी 10 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को सूचित किया है कि चार साल के कार्यकाल के बाद अग्रिवीरों के पास जो अनुभव और प्रशिक्षण प्राप्त होता है, इससे वह किसी भी बल के लिए आदर्श उम्मीदवार बनते हैं।

ऐसे में बलों में इनकी भर्ती होने से बलों को एक तैयार सैनिक मिलता है जिन्हें थोड़ी से ट्रेनिंग देकर पोस्टिंग दी जा सकती है। बीएसएफ के महानिदेशक ने कहा है कि पूर्व अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा और उन्हे आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी।

सीएपीएफ-असम राइफल्स को लेकर क्या बोले गृह राज्य मंत्री

राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ओवरटाइम के बारे में अफवाहों को खारिज करते हुए सीएपीएफ और असम राइफल्स में खाली पदों पर अपडेट दिया है। उन्होंने कहा है कि "सीएपीएफ और असम राइफल्स में 1 जुलाई, 2024 तक खाली पदों की संख्या 84,106 है, दोनों में 10,45,751 पदों की कुल स्वीकृती होती है।"

गृह राज्य मंत्री ने आगे कहा, "अप्रैल, 2023 से फरवरी, 2024 के बीच 67,345 लोगों की भर्ती की गई है। इसके अलावा, 64,091 खाली पदों को नोटिफाई किया गया है और ये पद भर्ती के विभिन्न चरणों में हैं। ये साफ हो जाता है कि बलों के आकार की तुलना में खाली पदों की संख्या की वजह से ओवरटाइम का सवाल ही नहीं उठता है।"

कई केंद्रीय बलों के प्रमुखों ने क्या कहा था

इससे पहले कई केंद्रीय बलों के प्रमुखों ने पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी पद आरक्षित करने की तैयारी की घोषणा की थी। सीआईएसएफ महानिदेशक नीना सिंह और बीएसएफ महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने इन भर्तियों को लेकर जानकारी शेयर की थी।

सिंह ने कहा कि था सीआईएसएफ भविष्य की सभी कांस्टेबल भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी पद आरक्षित करेगा।

आयु सीमा और फिजिकल टेस्ट में भी छूट का किया गया ऐलान

यही नहीं उनको आयु सीमा और फिजिकल टेस्ट में भी छूट देने की बात कही गई थी। इन बलों में पहले वर्ष में पांच सालों की और फिर बाद के वर्षों में तीन साल की आयु सीमा की छूट की बात कही गई थी।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2023 में केंद्रीय सुरक्षा बलों में पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण देने को कहा था। गृह मंत्रालय के इस ऐलान के बाद इस साल केंद्रीय बलों के प्रमुखों द्वारा घोषणा की गई है।

हरियाणा सरकार ने भी आरक्षण का किया है ऐलान

इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व अग्रिवीरों के लिए राज्य के सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया था। सीएम सैनी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कांस्टेबल, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और स्पेशल पुलिस ऑफिसर के पदों पर होने वाली भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों के 10 फीसदी कोटा आरक्षित कर दिया जाएगा।

यही नहीं उन्होंने पूर्व अग्निवीरों के लिए बयाज मुक्त लोन भी देने की घोषणा की थी। राज्य में पूर्व अग्नीवीरों को नौकरी देने वाली कंपनियों को सब्सिडी भी देने का ऐलान किया था।

उत्तराखंड ने भी कोटा देने की बात कही है

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घोषणा की है कि राज्य के अग्निवीर जो अपनी सेवा पूरी कर लिए होंगे, उन्हें विभिन्न राज्य विभागों में पदों की पेशकश की जाएगी।

सीएम धामी ने कहा था कि अग्निवीरों को सरकारी विभागों में नियुक्तियां दी जाएंगी और अगर जरूरत पड़ी तो सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर अग्निवीरों के लिए आरक्षण भी तय करेगी।

अग्निपथ योजना को लेकर विरोध

गृह मंत्रालय के तरफ से यह बयान तब आया है जब अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है और उसे वापस लेने की मांग कर रहा है। विपक्षी नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने यहां तक कहा है कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो इस योजना को वापस ले लेंगे।

इससे पहले कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार को घेरा था। विपक्षी दलों ने सवाल पूछते हुए कहा था कि उन 75 फीसदी अग्निवीरों का क्या होगा जिन्हें उनके चार साल के कार्यकाल के बाद भी सेना में नहीं रखा जाएगा।

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