नई दिल्ली: मौजूदा दौर में दुनियाभर में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। अब ये सिर्फ निगरानी के लिए ही नहीं, बल्कि हमलों के लिए भी इस्तेमाल हो रहे हैं। कई देशों ने इन ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों पर काम शुरू कर दिया है। इसी दिशा में भारत ने भी एक अहम कदम उठाया है।
सोमवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित स्वावलंबन प्रदर्शनी में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने एक भारतीय फर्म द्वारा निर्मित स्वदेशी एंटी-ड्रोन गन “वज्र शॉट” का निरीक्षण किया और इसके संचालन और उपयोग के बारे में जानकारी ली। भारतीय सेना और वायुसेना ने इस आधुनिक हथियार को अपनाया है, जो देश की सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या है ‘वज्र शॉट’ गन
वज्र शॉट एक खास तरह की एंटी-ड्रोन गन है, जिसे चेन्नई की बिग बैंग बूम सॉल्यूशंस कंपनी ने बनाया है। यह गन चार किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन का पता लगाकर उसे निष्क्रिय कर सकती है। इस गन का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा को मजबूत बनाना है, खासकर ऐसे हालात में जहां दुश्मनों को बिना किसी सैनिक को नुकसान पहुंचाए काबू में रखा जा सके।
वज्र शॉट का डिजाइन हल्का और पोर्टेबल है, जिससे इसे एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। यह गन ड्रोन के रेडियो संचार को तोड़ने की क्षमता रखती है, जिससे ड्रोन का नियंत्रण ऑपरेटर के हाथ से छूट जाता है। इसकी खास बात यह है कि यह परिस्थिति के अनुसार अपनी आउटपुट फ्रीक्वेंसी को बदल सकता है, जो इसे पारंपरिक जैमर से अलग बनाता है।
#WATCH | Delhi: Ravi Kumar representing Big Bang Boom Solutions says, “We are into anti-drone solutions and this is ‘Vajra Shot’. It is a hand-held anti-drone gun that can detect up to a range of 4 km and can also do jamming. We have deployed it in the Indian Army and Air Force.… https://t.co/AuVeHYv2rR pic.twitter.com/M4TVMI26Vo
— ANI (@ANI) October 28, 2024
बिग बैंग बूम सॉल्यूशंस के एक अधिकारी, रवि कुमार के अनुसार, उन्हें अब तक इस आधुनिक गन के लिए करीब 200 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिल चुके हैं। इस उपकरण ने भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का भी ध्यान खींचा है।
नौसेना प्रमुख ने ‘वज्र शॉट’ गन का किया निरीक्षण
हाल ही में दिल्ली में आयोजित ‘स्वावलंबन 2024’ नामक सेमिनार में नौसेना प्रमुख ने इस गन का निरीक्षण किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय नौसेना में स्वदेशी नवाचारों को प्रोत्साहित करना था।
इस प्रदर्शनी में डीआरडीओ सहित अन्य उद्योगों के लगभग 115 स्टॉल लगाए गए थे। एडमिरल त्रिपाठी ने भारतीय उद्यमियों द्वारा किए गए इन नवाचारों की सराहना की और देश की सुरक्षा में इनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
ड्रोन तकनीक के उपयोग में वृद्धि के साथ ही, यह एक नई चुनौती भी बन चुके हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और लाल सागर में हुए हमलों में ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुआ है। ऐसे में वज्र शॉट जैसे उपकरणों की तैनाती से भारतीय सेना की ताकत बढ़ेगी।
तकनीकी क्षेत्र में इस पहल को भारत की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि यह न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की सुरक्षा क्षमता को भी मजबूत बनाता है।
अब भारत के पास आधुनिक हथियार हैं, जो न केवल दुश्मनों का मुकाबला कर सकते हैं, बल्कि ड्रोन जैसी तकनीकी चुनौतियों से भी निपटने में सक्षम हैं। इससे भारतीय सेना और वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा और देश की सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी।