रीवाः सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ इस साल मई में शुरू किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी है और इसे समाप्त करने की घोषणा उचित समय पर की जाएगी। उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान कोई कायरतापूर्ण हरकत करता है, तो भारतीय सशस्त्र बल उसे करारा जवाब देंगे।
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में सैनिक स्कूल के दौरे के दौरान जनरल द्विवेदी ने देश की रक्षा तैयारी पर विश्वास जताते हुए कहा, “भारतीय सशस्त्र बल ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।” उन्होंने कहा कि जब तीन करीबी दोस्त (एयर मार्शल एपी सिंह, नौसेना प्रमुख त्रिपाठी और सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी) सेनाओं का नेतृत्व कर रहे हैं, तो कोई भी हमें हरा नहीं सकता।
सेना प्रमुख ने सैनिक स्कूल में ‘यूनिटी डे’ पर क्या यादें शेयर की
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ इस कार्यक्रम में भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी शामिल हुए। यह ‘यूनिटी डे’ (राष्ट्रीय एकता दिवस) के अवसर पर आयोजित किया गया था। गौरतलब है कि जनरल द्विवेदी और एडमिरल त्रिपाठी दोनों ने 1970 के दशक में रीवा के इसी सैनिक स्कूल में एक साथ पढ़ाई की थी और अब वे क्रमशः भारतीय सेना और नौसेना का नेतृत्व कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस को अपनी यादें साझा करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा, “जब भी मैं यहाँ आता हूँ, तो ऐसा लगता है कि मैं अब भी एक छोटा बच्चा हूँ, ठीक वैसे ही जैसे जब मैंने पहली बार इस स्कूल में प्रवेश किया था। यहाँ चीजें बदल गई हैं, लेकिन राष्ट्र की सेवा करने का दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता आज भी वैसी ही है।”
नौसेना प्रमुख बनने के बाद पहली बार रीवा सैनिक स्कूल का दौरा कर रहे एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी अपने स्कूल के दिनों की कई यादें साझा कीं। उन्होंने छात्रों और सभी युवाओं को कड़ी मेहनत करने और बाकी सब ईश्वर पर छोड़ने की सलाह दी। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है।”
स्कूल से सेना प्रमुख तक का सफर
रीवा सैनिक स्कूल, जिसे युवा लड़कों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में प्रवेश के लिए तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, भविष्य के सैन्य नेताओं को पोषित करने का गौरवशाली इतिहास रखता है। 1970 के दशक में, उपेंद्र द्विवेदी और दिनेश त्रिपाठी कक्षा 5ए में नामांकित थे, जहाँ उनके रोल नंबर क्रमशः 931 और 938 थे।

