नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा के बीच चल रहे बड़े राजनयिक विवाद के बीच नई दिल्ली ने और बड़ा कदम उठाया है। भारत ने कनाडाई बॉर्डर सर्विस एजेंसी (सीबीएसए) के एक अधिकारी का नाम भगोड़े आतंकियों की सूची में डाला है। सीबीएसए के इस अधिकारी की पहचान संदीप सिंह सिद्धू के रूप में सामने आई है। भारत ने सिद्धू के प्रत्यर्पण की भी मांग कनाडा के सामने रखी है।
कनाडा ने भारतीय राजनियकों पर लगाए थे आरोप
इसी हफ्ते प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने सार्वजनिक तौर पर भारतीय राजनयिकों पर कनाडा में निज्जर की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। कनाडा के अधिकारियों का कहना था कि भारतीय राजनयिक निज्जर के बारे में जानकारी लगातार भारत सरकार के पास पहुंचा रहे थे।
कनाडा की ओर से यह भी कहा गया कि शीर्ष भारतीय अधिकारी उस जानकारी को उन भारतीय संगठित अपराध समूहों तक पहुंचा रहे थे जो इन ‘कार्यकर्ताओं’ को गोलीबारी, जबरन वसूली और यहां तक कि हत्या के जरिए निशाना बना रहे थे।
भारत ने अपनी ओर से कनाडा के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है। साथ ही भारत ने कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित भी किया है।
संदीप सिंह सिद्धू पर भारत के आरोप
रिपोर्ट के अनुसार सीबीएसए के कर्मचारी और प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के सदस्य संदीप सिंह सिद्धू पर पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है। संदीप सिंह सिद्धू के कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित खालिस्तान आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे और अन्य आईएसआई गुर्गों के साथ भी संबंध रहे हैं, जो कथित तौर पर 2020 में बलविंदर सिंह संधू की हत्या में भूमिका निभा रहे थे।
बलविंदर सिंह संधू ने 1990 के दशक में पंजाब में आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाई थी। उनकी बहादुरी के कारण उन्हें साल 1993 में भारत सरकार ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार संदीप सिंह सिद्धू को सीबीएसए में अधीक्षक के रूप में पदोन्नत किया जा चुका है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दावा है कि सनी टोरंटो सहित कनाडा स्थित खालिस्तानी गुर्गों और पाकिस्तान की पनाह हासिल किए हुए खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे ने संधू की हत्या की साजिश रची थी। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ‘सनी टोरंटो’ ही तो संदीप सिंह सिद्धू का उपनाम नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने हाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि भारत ने कनाडा को कम से कम 26 लोगों के नाम प्रत्यर्पण अनुरोध के लिए भेजे हैं। इसमें से कई नाम एक दशक से ज्यादा समय से कनाडा के पास हैं।