नई दिल्ली: एआई मोबाइल एप्लिकेशन (ऐप) की दुनिया में भारत सबसे बड़े बाजार के रूप में सामने आ रहा है। यह दावा हाल के एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 के पहले आठ महीनों में वैश्विक एआई (AI) ऐप डाउनलोड में भारत सबसे आगे है यानी इसका योगदान 21 फीसदी रहा है।
इस अवधि के दौरान वैश्विक स्तर पर 2.2 बिलियन (220 करोड़) से अधिक एआई ऐपों को डाउनलोड किया गया हैं जिसमें सबसे ज्यादा डाउनलोड भारत में ही हुए हैं।
इस दौरान जिन एआई ऐपों को सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया है उनमें ओपनएआई का चैटजीपीटी, माइक्रोसॉफ्ट का कोपायलट और गूगल का जेमिनी जैसे प्रमुख एआई ऐप शामिल हैं। इसके आलावा यूजरों द्वारा कई और फोटो और वीडियो एडिटिंग ऐप और टूलों को भी डाउनलोड किया गया है।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारतीय यूजरों ने एआई ऐप और चैटबॉट को फ्री में इस्तेमाल करने पर ज्यादा जोर दिया है।
चूंकी पूरी दुनिया में भारत एआई ऐप के डाउनलोड पर टॉप पर है लेकिन यहां के यूजर ऐप की सेवाओं को खरीदने के बजाय उसका फ्री वाला वर्जन इस्तेमाल करने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ दुनिया के अन्य देशों में ऐसा नहीं है।
उत्तरी अमेरिका और यूरोप के यूजरों ने इन ऐप के पेड वर्जन पर ज्यादा भरोसा किया है और पैसे देकर इनकी सर्विस ली है। यहां के यूजरों का वैश्विक इन-ऐप खरीदारी (ऐप की पेड सेवा लेकर उसके सर्विस को इस्तेमाल करना) के राजस्व में 68 फीसदी योगदान है। जबकि इन ऐप का पेड वर्जन इस्तेमाल करने में भारत का योगदान दो फीसदी से भी कम है।
2024 के केवल 8 महीने में पिछले साल का कुल डाउनलोड हुआ पार
रिपोर्ट में साल 2024 के अंत तक वैश्विक एआई ऐप का राजस्व 3.3 बिलियन डॉलर (लगभग 2706 अरब रुपए) तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। यह अनुमान पिछले साल की तुलना में 51 फीदसी की वृद्धि को दर्शाता है।
साल 2023 में एआई और चैटबॉट ऐपों के डाउनलोड में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई थी। इस दौरान इन ऐपों के डाउनलोड 14 गुना बढ़कर 600 मिलियन हो गए थे। साल 2024 में भी यह इसी गति से डाउनलोड जारी रहा जिससे केवल आठ महीने में 630 मिलियन (63करोड़) डाउनलोड पूरे हो गए हैं।
साल 2024 के केवल आठ महीने के डाउनलोड ने साल 2023 के कुल डाउनलोड को पार कर दिया है।
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एआई में आगे क्या हो सकता है
एआई और चैटबॉट की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए जानकारों का कहना है कि आने वाले सालों में इन ऐपों को टेक्सट, फोटो और वीडियो को तैयार करने में भी इसका इस्तेमाल बढ़ सकता है। उनका कहना है कि यूजर इन ऐपों को ट्रांसक्रिप्शन और आवाज के जरिए इन ऐप से अपने रोजमर्रा की कामों को भी करवा सकते हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले सालों में इन ऐपों का इस्तेमाल इतना आम हो जाएगा कि यूजर के तरफ से उनके निर्देश पर यह ऐप खुद से काम करेंगे। उनका कहना है कि अभी जिस तरीके से हर काम के लिए कोई न कोई ऐप होता है, भविष्य में हर तरह के ऐप की जरूरत खत्म हो जाएगी और एआई और चैटबॉट ऐपों का ही बोलबाला रहेगा।
एआई और चैटबॉट ऐप की बढ़ती लोकप्रियता के कारण डिवाइस निर्माताओं की चिंताएं भी बढ़ गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन ऐपों को इस्तेमाल करने के लिए तेज प्रोसेसर और अधिक स्टोरेज की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में अब कंपनियां इस तरह के डिवाइस बनाने पर काम कर रही है जो एआई और चैटबॉट के वर्कलोड को संभाल सके।