Saturday, October 18, 2025
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भारत का गोल्ड रिजर्व पहली बार 100 बिलियन डॉलर के पार, विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी कितनी बढ़ी?

इस साल आरबीआई की सोने की खरीद में काफी गिरावट के बावजूद सोने के भंडार ने 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, RBI ने 2025 के पहले नौ महीनों में से केवल चार महीनों में ही सोना खरीदा है।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का सोने का भंडार पहली बार 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। सोने की वैश्विक कीमत में तेजी की वजह से ऐसा हुआ है। वहीं, देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 10 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 697.784 अरब डॉलर तक पहुँच गया। RBI की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार सोने के भंडार का मूल्य 3.595 अरब डॉलर बढ़कर 102.365 अरब डॉलर हो गया है। यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें 4,300 डॉलर प्रति औंस से अधिक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर हैं।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने व्यापारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत के कुल भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 14.7% हो गई है, जो 1996-97 के बाद से सबसे ज्यादा है। पिछले एक दशक में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी हुई है। ये पिछले 10 सालों में 7% से कम से लगभग 15% तक पहुंच गई है, जो केंद्रीय बैंक के स्थिर संचय और वैश्विक सर्राफा कीमतों में उछाल को दर्शाता है।

RBI ने सोने की कम खरीद की है इस साल

अहम बात ये भी है कि इस साल आरबीआई की सोने की खरीद में उल्लेखनीय गिरावट के बावजूद सोने के भंडार ने 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, RBI ने 2025 के पहले नौ महीनों में से केवल चार महीनों में ही सोना खरीदा, जबकि 2024 में लगभग हर महीने खरीद हुई थी। आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से सितंबर तक कुल खरीद केवल 4 टन रही, जो एक साल पहले इसी अवधि के 50 टन से काफी कम है।

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोने की कीमतें गुरुवार को पहली बार 4,300 डॉलर प्रति औंस को पार कर गईं। इस सप्ताह अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और अमेरिका द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच कीमतों में 7.6% की बढ़ोतरी हुई है।

भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार

आँकड़ों से पता चला है कि 10 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.176 अरब डॉलर घटकर 697.784 अरब डॉलर रह गया। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में भंडार 27.6 करोड़ डॉलर घटकर 699.96 अरब डॉलर रह गया था।

इन घटकों में, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा, विदेशी मुद्रा आस्तियाँ (FCA), 5.605 अरब डॉलर घटकर 572.103 अरब डॉलर रह गईं। FCA में भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्यवृद्धि या अवमूल्यन का प्रभाव दिखता है, जिसे डॉलर में दिखाया जाता है।

आंकड़ों के अनुसार विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 13 करोड़ डॉलर घटकर 18.684 अरब डॉलर रह गए, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत का आरक्षित भंडार 3.6 करोड़ डॉलर घटकर 4.632 अरब डॉलर रह गया है।

साल 2023 में, भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 अरब डॉलर जोड़े थे, जबकि 2022 में इसमें कुल 71 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। वहीं, 2024 में भंडार में 20 अरब डॉलर से थोड़े अधिक की वृद्धि हुई थी। आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में कुल मिलाकर लगभग 47.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।

बताते चलें कि विदेशी मुद्रा भंडार किसी देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा रखी जाने वाली संपत्तियाँ हैं, जो मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर जैसी मुद्राओं में होती हैं। रुपये में भारी गिरावट या अवमूल्यन को रोकने के लिए आरबीआई अक्सर डॉलर बेचकर लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करता है। आरबीआई रणनीतिक रूप से रुपया मजबूत होने पर डॉलर खरीदता है और कमजोर होने पर बेचता है।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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