नई दिल्लीः लंबे समय से चल रहे भारत-चीन सीमा विवाद में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पेट्रोलिंग फिर से शुरू करने पर सहमति बना ली है।
इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर से तनाव कम होने और गतिरोध के हल की उम्मीद की जा रही है। यह महत्वपूर्ण घोषणा ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो रहे हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में हुए संवादों के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा क्षेत्र में एलएसी के साथ पेट्रोलिंग की व्यवस्था पर सहमति बन गई है, जिससे डिसएंगेजमेंट और 2020 में उत्पन्न हुए मुद्दों के समाधान की दिशा में प्रगति होगी।”
देपसांग और डेपचोक क्षेत्रों में फिर से पेट्रोलिंग शुरू
इस समझौते के अंतर्गत देपसांग प्लेन्स और डेपचोक जैसे विवादित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग फिर से शुरू की जाएगी, जहां तनाव के कारण लंबे समय से गतिरोध बना हुआ था। जब उनसे पूछा गया कि क्या ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हो सकती है, तो विदेश सचिव मिस्री ने कहा, “हाल के हफ्तों में भारत और चीन के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर चर्चाएं चल रही हैं। हम किसी संभावित द्विपक्षीय बैठक के समय और विवरण पर समन्वय कर रहे हैं।”
गलवान संघर्ष: तनाव की जड़
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर दोनों देशों के बीच तनाव जून 2020 में हुए गलवान घाटी संघर्ष के बाद से बढ़ गया था। इस संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे, जिसमें एक कर्नल भी शामिल थे। वहीं, चीन ने केवल 4 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की थी, लेकिन अनुमान है कि चीन के 40 चीनी सैनिकों (पीएलए) की जान गई थी। यह टकराव 1962 के युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच का सबसे घातक संघर्ष था, जिसने भारत-चीन संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
ब्रिक्स सम्मेलन में जिनपिंग-मोदी के बीच संभावित बैठक
इस समझौते की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री मोदी कजान, रूस में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। हालांकि, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेता इस मौके का इस्तेमाल करके सीमा विवाद और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का इस बार का विषय ‘न्यायपूर्ण वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षीयता को सुदृढ़ करना’ है।