Thursday, October 16, 2025
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यूपी के जेवर में देश की छठी सेमीकंडक्टर यूनिट को मिली मंजूरी, एचसीएल-फॉक्सकॉन की साझेदारी में होगा निर्माण

नई दिल्ली: भारत ने सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के जेवर में एक नई सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह भारत की छठी सेमीकंडक्टर उत्पादन इकाई होगी।

 यह यूनिट एचसीएल और फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम के रूप में स्थापित की जाएगी और इसका निर्माण यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास किया जाएगा। उत्पादन वर्ष 2027 से शुरू होने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद जानकारी दी कि इस परियोजना में कुल 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस यूनिट की मासिक उत्पादन क्षमता 20,000 वेफर्स होगी, जिससे प्रति माह 3.6 करोड़ चिप्स तैयार की जाएंगी।

मोबाइल, लैपटॉप और ऑटो सेक्टर के लिए बनाए जाएंगे चिप्स

जेवर यूनिट में निर्मित चिप्स का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल और अन्य उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में किया जाएगा। एचसीएल का हार्डवेयर विकास और निर्माण का एक लंबा इतिहास रहा है। वहीं, फॉक्सकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में एक वैश्विक दिग्गज कंपनी है। दोनों मिलकर इस महत्वपूर्ण परियोजना को आगे बढ़ाएंगे।

देश में बन रही है सेमीकंडक्टर निर्माण की नींव

मंत्री वैष्णव ने बताया कि भारत में अभी तक पांच सेमीकंडक्टर यूनिट्स निर्माणाधीन हैं, जिनमें से एक यूनिट के इस वर्ष उद्घाटन की संभावना है। इनमें से अधिकतर गुजरात और असम में स्थित हैं। उन्होंने कहा, “छठी यूनिट के साथ भारत सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ा रहा है।”

देशभर के 270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप्स में छात्र और युवा उद्यमी अत्याधुनिक चिप डिजाइन पर काम कर रहे हैं। इनमें से 20 उत्पादों को एससीएल मोहाली द्वारा ‘टेप आउट’ किया गया है, जो भारतीय चिप डिजाइन की गुणवत्ता को दर्शाता है।

वैश्विक कंपनियों की भारत में भागीदारी

भारत में सेमीकंडक्टर ईकोसिस्टम को समर्थन देने के लिए एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी वैश्विक उपकरण निर्माता कंपनियां भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं। इसके अलावामर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आईनॉक्स जैसी प्रमुख गैस और केमिकल सप्लायर्स भी भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग की संभावनाओं को देखते हुए अपनी तैयारियाँ कर रही हैं।

 

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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