नई दिल्ली: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहले टेस्ट मैच में ईडन गार्डन्स की पिच को लेकर बहस छिड़ी हुई है। तीसरे दिन महज 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत लड़खड़ा गया और उसे हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से कई लोगों ने सवाल उठाए कि क्या टीम इंडिया के लिए पिच का चयन गलत था। इस हंगामे के बावजूद टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा कि टीम को बिल्कुल वैसा ही विकेट मिला जैसा उन्होंने मांगा था। उन्होंने जोर देते हुए यह भी कहा ऐसा नहीं था कि यह खेलने लायक नहीं था।
बहरहाल, दक्षिण अफ्रीका के स्पिन गेंदबाजों ने परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाकर 2010 के बाद भारतीय धरती पर अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी हरभजन सिंह ने जहां पिच के चयन को लेकर आलोचना की है, वहीं रॉबिन उथप्पा ने गंभीर का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि ऐसी हार के लिए कोच को दोष नहीं दिया जाना चाहिए।
उथप्पा ने एक यूट्यूब लाइव के दौरान कहा, ‘यार, कोच थोड़े ही जाकर खेल रहा है अंदर।’ उन्होंने कहा कोच मैदान पर गेंदबाजों का सामना नहीं कर रहा होता है। उन्होंने आगे कहा कि कोचों की आलोचना अक्सर व्यापक तस्वीर को नजरअंदाज कर देती है। उथप्पा ने ये कहा कि ‘कैसे पूर्व कोच राहुल द्रविड़ को भी गलत तरीके से निशाना बनाया गया था।’ उन्होंने कहा कि जिसने 20,000 से 30,000 अंतरराष्ट्रीय रन बनाए हैं, वह ज्यादा सम्मान का हकदार है और बड़े खिलाड़ियों को ट्रोल करने की प्रवृत्ति दर्शाती है कि कोई भी कितनी आसानी से निशाना बन सकता है।
पिच के विवाद पर क्या बोले उथप्पा
उथप्पा ने वीडियोमें पिच तैयार करने के विषय पर भी बात की। उन्होंने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बीच एक गहरे अंतर की भी बात की। उन्होंने जिक्र किया कि पहले घरेलू मैचों में पिच की स्थिति की निगरानी के लिए एक समय तटस्थ क्यूरेटर नियुक्त किए जाते थे और अगर कोई मैच दो दिनों के भीतर समाप्त हो जाता था, तो ग्राउंड्समैन और संघों को फटकार लगाई जाती थी। फिर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ढाई दिनों में समाप्त होने वाले मैच भी अक्सर ऐसी जाँच के बिना ही छूट जाते हैं।
उन्होंने बताया कि रणजी ट्रॉफी टीमों को टर्निंग ट्रैक तैयार करने से हतोत्साहित किया जाता है, जबकि तीसरे और चौथे दिन धीरे-धीरे टर्निंग सतहें ऐसे बल्लेबाजों को तैयार करने में मदद करती हैं जो स्पिन का सामना कर सकें। उथप्पा के अनुसार, भारत द्वारा ऐसी पिचें तैयार करने में झिझक के कारण खिलाड़ी उच्च-स्तरीय स्पिन खेलने के मौके वाली परिस्थितियों में संघर्ष करते नजर आने लगे हैं।
गौतम गंभीर का कोच के तौर पर रिकॉर्ड
टेस्ट कोच के रूप में गंभीर का रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है। भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी भारतीय टीम 3 मैच हारी। हालांकि, इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज 2-2 से बराबरी पर छूटी और फिर भारत ने वेस्टइंडीज को घरेलू मैदान पर हराया। कुल मैचों के लिहाज से देखें तो 18 टेस्ट मैचों में भारत को 9 में हार का सामना करना पड़ा है, 7 में जीत मिली है और 2 ड्रॉ रहे।
दूसरी ओर टी20 में गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम 22 मैचों में 20 में जीत हासिल करने में कामयाब रही है। वनडे की बात करें तो टीम इंडिया ने 14 मैचों में 9 जीते हैं और 4 में हार का उसे सामना करना पड़ा है।
यह भी पढ़ें- कोच गौतम गंभीर टेस्ट क्रिकेट में क्यों फेल होते नजर आ रहे हैं?

