नई दिल्लीः इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका ने मंगलवार, 21 अक्टूबर को पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बीते वर्ष हर 46 घंटे में एक पुलिसकर्मी की जान चली गई। उन्होंने कहा कि 365 दिनों में 191 लोगों ने ड्यूटी करते हुए जान गंवाई।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक कुल 36,684 पुलिस कर्मियों ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान अपनी जान गंवाई है।
आईबी प्रमुख ने क्या कहा?
आईबी प्रमुख तपन डेका दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुलिस स्मृति दिवस पर कर्तव्य निर्वहन के दौरान जान गंवाने वाले पुलिस अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद बोल रहे थे।
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित रहे और उन्होंने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से पुलिसकर्मियों को अपना संदेश दिया।
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उन्होंने कहा “पुलिस स्मृति दिवस पर हम अपने पुलिसकर्मियों के साहस को सलाम करते हैं और कर्तव्य पालन में उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करते हैं। उनका दृढ़ समर्पण हमारे राष्ट्र और लोगों को सुरक्षित रखता है। संकट और आवश्यकता के समय में उनकी बहादुरी और प्रतिबद्धता प्रशंसनीय है।”
आईबी प्रमुख डेका ने कहा “इस दिन 21 अक्टूबर, 1959 को इंटेलिजेंस ब्यूरो के डीसीआईओ करम सिंह के नेतृत्व में 10 सीआरपीएफ कर्मियों ने भारत-चीन सीमा की रक्षा करते हुए एक सशस्त्र चीनी टुकड़ी का सामना करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी…” “तब से, हम हर साल इस दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं।”
दिवंगत पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किए जाते हैं कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि इस दिन सभी दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य की राजधानियों, जिलों और यहां तक कि पुलिस स्टेशन स्तर पर भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर आज यहां बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी, असम राइफल्स, आरपीएफ, एनडीआरएफ और दिल्ली पुलिस द्वारा संयुक्त स्मारक परेड आयोजित की जा रही है।’’
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तपन डेका 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इस दौरान डेका ने कहा कि पीएम मोदी ने साल 2019 में पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) के सम्मेलन में सुझाव दिया था कि विभिन्न केंद्रीय बलों द्वारा 22 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर दिवंगत सहयोगियों के परिवारों की भागीदारी के साथ कई स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
तपन डेका 2022 से आईबी के निदेशक पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वह इस विभाग में कई भूमिकाएं निभा चुके हैं। इसी साल जून में उनका रिटायरमेंट हो गया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया।
आईबी (IB) देश की आंतरिक सुरक्षा और काउंटर-इंटेलिजेंस एजेंसी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो का काम देश में आंतरिक खतरों पर नजर रखना और सरकार को परामर्श देना है। यह भारत की आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।