मुंबई: 400 से ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले और कॉमेडी के क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय हुए गोवर्धन असरानी अब दुनिया में नहीं हैं। सोमवार (20 अक्टूबर) को देर शाम 84 साल के अभिनेता के निधन की खबर आई। वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और पिछले 5 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। असरानी ने ‘गुड्डी’ से फिल्मों में कदम रखा था। उन्होंने इसके बाद अपने करियर में कई बेहतरीन किरदार निभाए। इसी में से एक भूमिका ‘शोले’ फिल्म में जेलर की रही, जिसके लिए वे आज भी याद किए जाते हैं।
शोले फिल्म के निर्देशक रमेश सिप्पी ने कहा कि दिग्गज अभिनेता असरानी को शोले में ‘तानाशाह जेलर’ की भूमिका के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा किरदार था जिसके लिए वह पैदा हुए थे। असरानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सिप्पी ने कहा कि जब वे हाल ही में मिले थे, तो असरानी बिल्कुल ठीक लग रहे थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए सिप्पी ने कहा, ‘यह (उनका निधन) अचानक हुआ है…उन्होंने बहुत काम किया, लेकिन यह (शोले में उनका किरदार) सबसे अलग है। मैं उन्हें लंबे समय तक याद रखे रहूंगा। यह एक ऐसा किरदार था जिसके लिए वह पैदा हुए थे। लेकिन आज के दिन यह सब कहना अच्छा नहीं लग रहा है। मुझे लगता है कि शायद उन्हें याद करने का यही सबसे अच्छा तरीका है।’
शोले में जेलर की भूमिका में असरानी
‘शोले’ फिल्म को रिलीज हुए इसी साल अगस्त में 50 साल पूरे हो गए। इसमें असरानी का किरदार चार्ली चैपलिन की फिल्म ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ से मिलता-जुलता था, जो अपने आप में हिटलर को केद्र में रखकर बनाई गई एक कॉमिक फिल्म थी। शोले को सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी ने लिखा था।
सिप्पी ने बताया कि उन्होंने असरानी के साथ पहली बार ‘सीता और गीता’ में काम किया था और जिस तरह से उन्होंने अपने सीन निभाए, उससे वे बहुत प्रभावित हुए थे।
सिप्पी ने याद करते हुए कहा, ‘फिर शोले आई और यह हिस्सा सलीम-जावेद ने लिखा और उन्होंने मेरे साथ इस पर चर्चा की। हम सभी ने सोचा कि असरानी इसके लिए सही व्यक्ति होंगे। हमने उन्हें बुलाया और इस पर चर्चा की। वह इस भूमिका को करने को लेकर बहुत खुश थे। वह उस चरित्र के निर्माण के लिए हुई चर्चाओं का हिस्सा थे।’
78 साल के रमेश सिप्पी ने आगे कहा, ‘उन्होंने इसे बहुत सहजता से निभाया, ऐसा लगा जैसे वह इस किरदार के लिए ही बने हों। हिटलर बहुत लोकप्रिय व्यक्ति रहा है जिसके बारे में कई किताबें लिखी गई हैं, कहानियाँ सुनाई गई हैं, उसके आचरण और उसके द्वारा की गई हत्याओं के कारण पूरी दुनिया का ध्यान उस पर था। लेकिन उसे (हिटलर) एक कॉमिक लुक देना एक जबर्दस्त विचार था… उन्होंने इतनी अच्छी तरह से काम किया कि लोग इसे आज तक याद करते हैं। यह किरदार कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।’
‘सलीम-जावेद ने लिखा और असरानी ने बखूबी निभाया’
सिप्पी ने कहा कि सलीम-जावेद ने इस किरदार को बहुत खूबसूरती से लिखा था और शूटिंग के दौरान वे और असरानी इसे बखूबी निभाने में कामयाब रहे।
रमेश सिप्पी ने कहा, ‘सलीम-जावेद के पास शब्दों का एक अनोखा तरीका था और यह एक आकर्षक लाइन बन गई, और उनके व्यंग्यात्मक रूप की वजह से यह लोगों के दिलों में उतर गई। हिटलर एक जर्मन किरदार है, लेकिन ‘अंग्रेज़ो के’ की जगह आप ‘जर्मन’ नहीं कह सकते। हमें नहीं पता था कि कितने लोग इसे समझ पाएँगे। इसे तत्काल तैयार किया गया था और जिस रूप में यह सामने आया, वह बिल्कुल सही लग रहा था।’
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से हम चारों ने किरदार को उभारा, और फिर उसमें अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जी जैसे कलाकार, सबने मिलकर, पूरे सीक्वेंस को यादगार बना दिया। किरदार जोरदार है क्योंकि कॉमेडी जोरदार है।’
पीएम मोदी ने जताया असरानी के निधन पर दुख
असरानी के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके निधन पर लिखा, ‘गोवर्धन असरानी जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं… एक प्रतिभाशाली मनोरंजनकर्ता और वास्तव में बहुमुखी कलाकार, उन्होंने विभिन्न पीढ़ियों के दर्शकों का मनोरंजन किया। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’
पीएम मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राहुल गांधी ने भी एक्टर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है। इसके अलावा अक्षय कुमार, अनुपम खेर, हिमानी शिवपुरी जैसी हस्तियों ने भी शोक व्यक्त किया है।