नई दिल्लीः दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए भीषण धमाके की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यह फैसला केंद्र सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद लिया है, जिसमें धमाके के पीछे आतंकी साजिश के संकेत मिले हैं।
कार में धमाका 10 नवंबर की शाम करीब 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास हुआ था। धमाके में कई गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं। इस भीषण विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। वहीं, 20 घायल मरीजों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है।
पुलिस के अनुसार, दो शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि बाकी मृतकों की पहचान के लिए डीएनए जांच कराई जा रही है। दिल्ली पुलिस ने पहले ही इस मामले में गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA) और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
गृह मंत्रालय ने NIA को सौंपी जांच
गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात देशभर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और शीर्ष एजेंसियों को हर पहलू से जांच के निर्देश दिए। इसके बाद मंगलवार दोपहर शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी प्रमुख तपन कुमार डेका, दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा और एनआईए प्रमुख सदानंद वसंत दाते शामिल हुए।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संकल्प है कि इस कृत्य में शामिल हर व्यक्ति को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “दिल्ली कार ब्लास्ट पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि इस घटना के पीछे शामिल हर दोषी को खोजा जाए। सभी दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।”
दो दिवसीय दौरे पर भूटान पहुंचे पीएम मोदी ने भी धमाके के जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जाने के संकल्प लेने की बात कही। भूटान में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मैं रातभर जांच एजेंसियों के संपर्क में था। हमारी एजेंसियां इस षड्यंत्र की तह तक जाएंगी और षड्यंत्रकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
विस्फोट में डॉक्टर उमर की भूमिका संदिग्ध, माँ-भाई अरेस्ट
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा नाम सामने आया है डॉ. उमर उन नबी, जो पुलवामा का रहने वाला है और फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। सीसीटीवी फुजेट और शुरुआती जांच में सामने आया है कि उमर ही लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धमाके वाली सफेद हुंडई i20 कार चला रहा था।
उमर नबी ने यह कार 29 अक्टूबर को खरीदी थी, जिसका हरियाणा रजिस्ट्रेशन नंबर (HR26CE7674) है। जांच में यह भी पता चला है कि यह कार कई बार बेची जा चुकी थी। पहले गुरुग्राम के मोहम्मद सलमान ने इसे खरीदा, फिर देवेंद्र और फिर अंबाला के एक व्यक्ति को बेचा गया। अब तक कार का अंतिम मालिकाना हक स्पष्ट नहीं हो सका है। सलमान और कुछ अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
जांच एजेंसियों ने उमर के मां और भाई को हिरासत में ले लिया। उमर के एक दोस्त सज्जाद को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसियों ने उमर के मां और भाई का डीएनए सैंपल लिया है, ताकि धमाके में मिले शव की पहचान की जा सके। पुलिस को संदेह है कि ब्लास्ट के वक्त कार में मौजूद शवों में से एक डॉ. उमर का ही है।
उमर की भाभी मुजम्मिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह ऐसा व्यक्ति नहीं था। मुजम्मिला ने बताया कि उन्होंने उमर को फोन नहीं किया था, क्योंकि हमें पता था कि वह पढ़ाई करता है। शुक्रवार को उमर ने फोन किया था और कहा था कि आप मुझे ज्यादा तंग मत करना। मैं यहीं से फोन किया करूंगा।
उमर की भाभी के मुताबिक, उसने जुमे के दिन परिवार के लोगों का हालचाल पूछा था। उन्होंने कहा, उसने मेरे साथ बात की, तो मैंने उससे कहा था कि घर आ जाओ, घर क्यों नहीं आ रहे हो। उसने कहा था कि वह दो-तीन दिन में आ जाएगा। उसने सिर्फ यही बोला था। यह सब बातें उसने बेफिक्र होकर बोलीं थीं।
मुजम्मिला ने कहा कि उमर इस तरह का इंसान नहीं था। मुझे जितना उसके बारे में पता था, वह बताया है। इस मामले में और ज्यादा नहीं बता सकते हैं।
गौरतलब बात है कि उमर का नाम पहले से ही फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टरों के नेटवर्क में सामने आ चुका है। फरीदाबाद में हाल ही में हुई छापेमारी में 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी और दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था। दोनों जम्मू-कश्मीर से हैं और उमर नबी से जुड़े बताए जा रहे हैं।
52 से अधिक छात्रों, प्रिंसिपल और फैकल्टी सदस्यों से पूछताछ
एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो, दिल्ली पुलिस की एंटी-टेरर यूनिट और फरीदाबाद पुलिस मिलकर इस मामले की जांच कर रही हैं। अधिकारियों को आशंका है कि यह धमाका दिल्ली और आसपास के इलाकों में कई और हमलों की बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।
फरीदाबाद पुलिस ने इस मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है। सूत्रों के अनुसार, अब तक 52 से अधिक छात्रों, प्रिंसिपल और फैकल्टी सदस्यों से पूछताछ की गई है। पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि विस्फोटकों की सप्लाई और ट्रेनिंग का नेटवर्क कितना बड़ा था।

