Friday, October 17, 2025
Homeभारतहरियाणा में मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी पर नया विधेयक पेश, 5 लाख...

हरियाणा में मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी पर नया विधेयक पेश, 5 लाख का जुर्माना और बिना वारंट गिरफ्तारी का प्रावधान

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में ‘हरियाणा सार्वजनिक जुए की रोकथाम विधेयक, 2025’ (Haryana Prevention of Public Gambling Bill, 2025) पेश किया। इसका उद्देश्य खेलों में मैच फिक्सिंग, स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी पर रोक लगाना है। यह विधेयक 158 साल पुराने ‘सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867’ की जगह लेगा जिसे भारत के विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में अप्रासंगिक बताया था।

विधेयक के मुताबिक, मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग करने वालों को कम से कम 3 साल की सजा (जो बढ़ाकर 5 साल तक की जा सकती है) और कम से कम 5 लाख रुपये जुर्माना देना होगा। अगर कोई व्यक्ति दोबारा इसी अपराध में पकड़ा गया, तो उसे कम से कम 5 साल की सजा (जो 7 साल तक बढ़ सकती है) और कम से कम 7 लाख रुपये जुर्माना देना होगा।

खेलों और चुनावों में सट्टेबाजी पर भी रोक

विधेयक का उद्देश्य केवल खेलों में ही नहीं, बल्कि चुनावों में सट्टेबाजी पर भी रोक लगाना है। इससे आम जनता को धोखाधड़ी और आर्थिक नुकसान से बचाने की कोशिश की गई है।

फिलहाल हरियाणा में मैच-फिक्सिंग को संबोधित करने के लिए विशिष्ट प्रावधानों की कमी है। विधेयक मैच-फिक्सिंग को किसी भी व्यक्ति या टीम को अनुचित रूप से लाभ पहुंचाने के लिए खेलों में कमीशन या चूक के किसी भी जानबूझकर किए गए कार्य के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें वित्तीय लाभ के लिए खिलाड़ियों द्वारा खराब प्रदर्शन, अंदरूनी जानकारी साझा करना या विचार के लिए जमीन की स्थिति को बदलना शामिल है। इसमें अधिकारियों, कोचों, रेफरी और ग्राउंड स्टाफ जैसे खेल आयोजित करने में शामिल सभी व्यक्ति भी शामिल हैं।

स्पॉट-फिक्सिंग को गलत लाभ के लिए एक खेल मैच के भीतर विशिष्ट घटनाओं के जानबूझकर हेरफेर के रूप में परिभाषित किया गया है। विधेयक “कौशल के खेल” (जहां कौशल प्रबल होता है) और “संयोग के खेल” (जहां संयोग प्रबल होता है) के बीच अंतर भी करता है, जिससे राज्य सरकार को किसी भी श्रेणी में आने वाले खेलों को अधिसूचित करने की अनुमति मिलती है।

बिना वारंट गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने का अधिकार

विधेयक में जुआ, जुआ सिंडिकेट की सदस्यता और सामान्य जुआ घरों के संचालन को दंडित करने के प्रावधान शामिल हैं। विधेयक में प्रावधान है कि कार्यकारी मजिस्ट्रेट या राजपत्रित पुलिस अधिकारी बिना वारंट के तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकते हैं। साथ ही, जुए से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का भी अधिकार होगा। यह कार्रवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 107 के तहत की जाएगी।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा