राहुल गांधी संसद से लेकर सड़क तक और हरियाणा से लेकर अमेरिका तक दलित-दलित, पिछड़ा पिछड़ा चिल्लाते रहे और उन लोगों के ही वोट से बीजेपी ने हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगा दी। कांग्रेस अब ईवीएम पर लांछन लगाने के सिवा कुछ नहीं कर पा रही है।
तो क्या कांग्रेस को हरियाणा में अति आत्मविश्वास ले डूबा जैसा कि इंडिया ब्लॉक के उसके सहयोगी अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं या फिर कांग्रेस हारने की कला में इस कदर पारंगत हो चुकी है कि जीता हुआ चुनाव कैसे हारा जा सकता है, इस पर वो किताब लिख सकती है।
जो भी हो, लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरह लग रहा था कि बीजेपी विधानसभा में हार जाएगी और कांग्रेस जीत जाएगी, उन सभी अनुमानों को बीजेपी ने ध्वस्त करके जीत हासिल कर ली और जीत भी ऐसी वैसी नहीं. बल्कि 2014 में पाए गए 47 सीटों वाली जीत से भी बड़ी जीत।
अबकी बार बीजेपी को 48 सीटें मिली हैं। 37 सीटों पर सिमटी कांग्रेस के लिए और खासकर उसके नेता राहुल गांधी के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। आखिर कांग्रेस कहां चूकी और कैसे उसको केंद्रीय नेतृत्व इसको ठीक कर सकता था, इस पर हम विस्तार से बात करेंगे, इसकी पूरी व्याख्या करेंगे।