Friday, October 17, 2025
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एच-1बी वीजा के लिए लगेगा 21 गुना अधिक शुल्क

नई दिल्लीः एच-1 बी वीजा के लिए आवेदन सात मार्च से शुरु हो रहे हैं और आवेदन की आखिरी तारीख 24 मार्च है। ये आवेदन साल 2025-26 के लिए होंगे। एच-1 बी वीजा के पंजीकरण के लिए इस वर्ष आवेदन करने के लिए करीब 21 गुना अधिक शुल्क देना पड़ेगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल आवेदन करने वाले लोगों को पंजीकरण शुल्क 215 डॉलर यानी करीब 18786 रूपए खर्च करने होंगे। जबकि पिछले साल यह शुल्क केवल 10 डॉलर था। हालांकि इस शुल्क को बढ़ाने का प्रयास अमेरिका की पिछली बाइडन सरकार द्वारा किया गया था। बाइडन प्रशासन का मानना था कि ऐसा करने से एच-1 बी वीजा तंत्र की अखंडता को मजबूती मिलेगी। 

लॉटरी प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई थी

एच-1 बी वीजा के लिए ई-रजिस्ट्रेशन और लॉटरी चयन की प्रक्रिया बीते साल शुरू हुई थी। इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को केवल एक बार ही लॉटरी प्रक्रिया में शामिल किया जाता है भले ही उसकी तरफ से कितनी ही बार पंजीकरण किया गया हो। इस प्र्क्रिया को अपनाने का उद्देश्य एक ही व्यक्ति द्वारा एक से अधिक प्रविष्टियों को रोकने के लिए किया गया है। 

वित्त वर्ष 2024-25 में एच-1 बी वीजा के लिए योग्य पंजीकरण की संख्या 4,70,342 थी। यह संख्या पिछले साल की तुलना में करीब 38 प्रतिशत कम थी। इस प्रक्रिया के तहत इसका दुरुपयोग बहुत कम हो गया है। जैसा कि पिछले सालों में देखा गया है उसके आधार पर अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) को एच-1 बी वीजा के लिए करीब 85000 आवेदन की उम्मीद है।

65,000 है अधिकतम सीमा

इसके बाद यूएससीआईएस विभाग लाभार्थियों को चुनने के लिए लॉटरी प्रणाली के आधार पर 65,000 लोगों को चुनेगा। यह एक साल में एच-1 बी वीजा आवंटित करने की अधिकतम सीमा है। 

एच-1 बी वीजा के ये नए नियम 17 जनवरी से लागू हो गए हैं। इसे बाइडन प्रशासन के कार्यकाल पूरा होने के कुछ हफ्तों पहले जारी किया गया था। इससे प्रायोजक नियोक्ताओं को थोड़ी छूट मिलती है जो विशेष व्यवसायों को फिर से परिभाषित करते हैं। 

ये नए नियम विशेष रूप से आईटी सेवाओं या कंसल्टेंसी कंपनियों से संबंधित हैं। अधिकतर यही कंपनियां कर्मचारियों के साथ क्लाइंट साइट पोस्टिंग पर काम करती हैं। 

इन नए नियमों के तहत प्रायोजक नियोक्ता की बजाय ग्राहक की आवश्यकताएं यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण कारक होंगी कि कोई पद विशेष व्यवसाय के रूप में योग्य है या नहीं। इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन के दौरान एच-1 बी वीजा के आवेदन खारिज करने की दर बढ़ गई थी। 

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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