कोयंबटूर: तमिलनाडु ने रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सत्र की शुरुआत सौराष्ट्र के खिलाफ पारी और 70 रनों की दमदार जीत के साथ की है। इस जीत के बाद बाएं हाथ के तेज गेंदबाज गुरजपनीत सिंह चर्चा में हैं। तमिलनाडु के लिए खेलने वाले इस सिख गेंदबाज ने सौराष्ट्र की दूसरी पारी के दौरान 14 ओवरों में 22 रन देते हुए छह विकेट चटकाए। इसमें चेतेश्वर पुजारा का विकेट भी शामिल है। गुरजपनीत सिंह के करियर यह पहला रणजी मैच था।
इस घातक गेंदबाजी की बदौलत सौराष्ट्र की टीम 94 रनों पर सिमट गई और पहली पारी के आधार पर तमिलनाडु को मिली 164 रनों की बढ़त को भी नहीं पाट सकी। गुरजपनीत की इस दमदार गेंदबाजी के पीछे विराट कोहली की दी गई उन्हें एक सलाह भी काम आई, जिसका जिक्र खुद इस बॉलर ने किया ।
गुरजपनीत ने जब कोहली को जब किया था बोल्ड
गुरजपनीत करीब एक महीने पहले भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने नेट में प्रैक्टिस कर रहे विराट कोहली को अपनी गेंद पर बोल्ड किया था। इस गेंदबाज ने इंडियन एक्सप्रेस को उस वाकये के बारे में याद करते हुए कहा, ‘मैंने जब उन्हें बोल्ड किया तो उनकी ओर देखा और फिर उनकी ओर देखने की हिम्मत नहीं हुई। वह बहुत गुस्से में थे। मैंने लेकिन महसूस किया वह खुद से गुस्सा थे। इसके बाद एक स्ट्रेट ड्राइव उन्होंने मारी और फिर मेरी ओर देखकर मुस्कुराए।’
कोहली ने बाद में गुरजपनीत को गेंदबाजी को लेकर कुछ सलाह भी दी। गुरजपनीत ने बताया, उन्होंने मुझसे कहा जब कोई मूवमेंट नहीं मिल रही हो तो एंगल बदल लो और अराउंड द विकेट गेंदबाजी करने की कोशिश, क्योंकि उस एंगल से, अगर आप थोड़ी सी भी हरकत हासिल करने में कामयाब होते हैं, तो यह अधिकांश बल्लेबाजों को परेशान कर देगा।’
रणजी ट्रॉफी के अपने डेब्यू मैच में रविवार को नई गेंद से गेंदबाजी करते हुए यह अराउंड-द-विकेट की गेंदबाजी ही थी, जिसने गुरजपनीत को सौराष्ट्र के शीर्ष बल्लेबाजों को परेशान करने में मदद की। गुरजपनीत जबकि इसी मैच की पहली पारी में कोई विकेट हासिल नहीं कर सके थे।
चेतेश्वर पुजारा खाता भी नहीं खोल सके
गुरजपनीत सिंह ने इस मैच में चेतेश्वर पुजारा जैसे धाकड़ बल्लेबाज को भी बिना खाता खोले पगबाधा किया। पुजारा के विकेट पर गुरजपनीत ने कहा, ‘जब आप उनके जैसे महान बल्लेबाज को गेंदबाजी करते हैं, तो आपको शुरू से ही सटीक रहना होता है। इसलिए योजना यह थी कि उन्हें पहले बैकफुट पर धकेला जाए और फिर एक अच्छी फ्रंटफुट गेंद फेंकी जाए जिससे वह असहज हो जाए। पिच से ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी, अराउट द स्टंप सबसे अच्छा विकल्प था और यह काम कर गया क्योंकि हमने सुबह के सत्र में (जयदेव) उनादकट को भी ऐसा ही करते देखा था।’
गुरजपनीत सिंह: अंबाला में जन्म, क्रिकेट चेन्नई ले आया
गुरजपनीत सिंह का जन्म अंबाला में हुआ। पंजाब में मौके नहीं मिल पाने के बाद उन्होंने कोच की सलाह पर चेन्नई आने का फैसला किया। 17 साल की उम्र में वे गुरु नानक कॉलेज में ग्रेजुएशन के लिए चेन्नई पहुंचे। इस कॉलेज का क्रिकेट कल्चर भी काफी समृद्ध रहा है। गुरजपनीत ने यहां अपनी छाप छोड़ी और फिर उभरते चले गए।
गुरजपनीत बताते हैं कि तेज गेंदबाजी करना उनके लिए स्वाभाविक था, क्योंकि टीवी पर क्रिकेट देखते समय यही चीज उन्हें उत्साहित करती थी। उन्होंने कहा, ‘सीमा पार, उनके पास हमेशा अच्छे तेज गेंदबाज रहे हैं। मैं मोहम्मद आमिर से जुड़ा और फिर अख्तर, आसिफ और निश्चित रूप से वसीम अकरम भी थे। पंजाब में जब सीनियर्स को गेंदबाजी मशीनें नहीं मिलती तो नए युवा खिलाड़ी ही उनके लिए मशीनें बन जाते हैं, और इस तरह तेज गेंदबाजी करना सबसे अच्छा विकल्प था।’
गुरु नानक कॉलेज में पढ़ाई के दौरान गुरजपनीत इंडिया सीमेंट्स के स्वामित्व वाली विजय सीसी (विजय क्रिकेट क्लब) के लिए नेट गेंदबाज बन गए, जो इसका इस्तेमाल अपने लीग मैचों के लिए करता था। इसके बाद धीरे-धीरे वे टीएनसीए थर्ड डिवीजन में खेले। 2021 में विजय सीसी के लिए खेलने से पहले तमिलनाडु प्रीमियर लीग का कॉन्ट्रैक्ट भी उन्हें मिला और इस तरह उनका सफर आगे बढ़ता गया। माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें आईपीएल की किसी टीम से भी अनुबंध मिल सकता है।