गांधीनगर: गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने एक मजदूर को कथित तौर पर पाकिस्तानी महिला एजेंट को संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आरोप है कि पोरबंदर के पंकज कोटिया ने पाकिस्तानी एजेंट को पैसे के लिए भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) जहाजों के लोकेशन और पोरबंदर की जेटियों की जानकारी साझा की है।
अधिकारी ने कहा है कि पिछले आठ महीने से पंकज और एजेंट एक दूसरे के संपर्क में थे। जानकारियों को साझा करने के लिए उसे 11 अलग-अलग बैंक खातों से कई किश्तों में कथित तौर पर यूपीआई के जरिए 26 हजार रुपए की भुगतान भी किया गया है।
पंकज की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों द्वारा एजेंट के संपर्क वाले व्हाट्सऐप नंबर को ट्रेस किया गया था जिसके बाद यह पता चला है कि यह नंबर पाकिस्तान का है।
अधिकारियों ने कहा है कि यह हनी ट्रैप का मामला नहीं है बल्कि आरोपी ने पैसों के लिए इन जानकारियों को साझा किया है। आरोपी पंकज और एजेंट पर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के साथ-साथ आपराधिक साजिश रचने के लिए भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है।
पाकिस्तानी एजेंट से फेसबुक पर मिला था मजदूर
पीटीआई के अनुसार, एटीएस पुलिस अधीक्षक के सिद्धार्थ ने बताया है कि पंकज और महिला एजेंट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर मिले थे। एजेंट ने खुद को मुंबई स्थित भारतीय नौसेना के साथ काम करने का दावा किया था जिसने फेसबुक पर अपनी पहचान “रिया” बताया था।
कुछ और रिपोर्ट के अनुसार, पंकज एक मजदूर है जो पोरबंदर में एक तंबाकू की फैक्टरी में काम करता है। वे एक दूसरे को कई महीनों से जानते हैं और उनकी बातचीत इतनी बढ़ गई थी कि आरोपी पैसों के लिए संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए तैयार हो गया था।
एजेंट ने कबूला है कि वह पाकिस्तानी नौसेना के लिए काम करती है
अधिकारियों ने कहा है कि एजेंट ने यह खुलासा किया है कि वह एक पाकिस्तानी एजेंट है जो पाकिस्तानी नौसेना के लिए काम करती है। सिद्धार्थ ने कहा है कि आरोपी यह जानता था कि वह किससे जानकारियों को साझा कर रहा है और वह ऐसा पैसा के लिए करता था।
आरोपी और पाकिस्तानी एजेंट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 और 148 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जून में पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर निशांत अग्रवाल को कथित तौर पर पाकिस्तानी जासूसों के साथ जानकारी साझा करने के लिए उन्हें 14 साल की सजा सुनाई गई है। यही नहीं निशांत पर तीन हजार का जुर्माना भी लगाया गया था। दावा है कि निशांत को पाकिस्तानी जासूसों द्वारा हनी ट्रैप में फंसाया गया था।