उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़। Photograph: (IANS)
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत की चुनावी प्रक्रिया में कथित विदेशी हस्तक्षेप को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। इसे "लोकतंत्र पर क्रूर हमला" बताते हुए उन्होंने इस मामले में गहन जांच और दोषियों को बेनकाब करने की मांग की।
‘भारत मंडपम’ में आयोजित वैश्विक ध्यान सम्मेलन में बोलते हुए धनखड़ ने USAID फंडिंग से जुड़ी हालिया अमेरिकी खुलासों का हवाला दिया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए दावे का उल्लेख करते हुए कहा कि यह फंड भारत की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया गया।
"लोकतंत्र की पवित्रता को दागदार करने की साजिश"
धनखड़ ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "हाल ही में जो खुलासा हुआ, उसे देखकर मैं स्तब्ध रह गया। पूरी जिम्मेदारी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने, नियंत्रित करने और उसकी पवित्रता को दागदार करने की कोशिश की गई।"
हालांकि उन्होंने किसी संगठन या व्यक्ति का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने इस फंडिंग के स्रोत की पहचान करने और दोषियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "यह किसी प्रभावशाली व्यक्ति से ही आया होगा। एक बात तो स्पष्ट है कि यह एक बड़ा धनराशि है। हमें चाणक्य की शिक्षाओं को अपनाना चाहिए, इसकी जड़ तक जाना चाहिए और इसे पूरी तरह नष्ट करना चाहिए।"
'राष्ट्रहित में जवाबी कार्रवाई आवश्यक'
उपराष्ट्रपति ने इसे राष्ट्रहित का मामला बताते हुए, विदेशी हस्तक्षेप करने वाली शक्तियों के खिलाफ मजबूत जवाबी कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया।
उन्होंने कहा, "हमें यह पता लगाना होगा कि वे लोग कौन हैं, जिन्होंने इस आक्रमण को स्वीकार किया। यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर एक क्रूर हमला है। हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि हम इन ताकतों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करें और उन्हें उजागर करें। तभी भारत उस शिखर पर पहुंचेगा, जिसकी हम कल्पना कर रहे हैं—और यह अब केवल सपना नहीं, बल्कि हमारा लक्ष्य है—एक विकसित भारत।"
यह बहुत ही परेशान करने वाली बातः विदेश मंत्रालय
धनखड़ की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत की चुनावी प्रक्रिया को बाहरी ताकतों द्वारा प्रभावित करने के प्रयासों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि USAID के जरिए धनराशि आवंटित किए जाने के इन आरोपों की संबंधित एजेंसियां और विभाग जांच कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि "हमने अमेरिकी प्रशासन की ओर से यूएसएआईडी की कुछ गतिविधियों और फंडिंग के बारे में दी गई जानकारी देखी है। ये स्पष्ट रूप से बहुत ही परेशान करने वाली हैं। इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं।"
जायसवाल ने कहा, "संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय कोई सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। उम्मीद है कि हम बाद में इस पर कोई अपडेट दे पाएंगे।"