वॉशिंगटन: अमेरिका की मदद से भारत को उसका पहला नेशनल सिक्योरिटी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट मिलने जा रहा है। यह प्लांट दोनों देशों के लिए सैन्य हार्डवेयर और आने वाली पीढ़ी के दूरसंचार नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चिप का निर्माण करेगा।
शनिवार को विलमिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच चर्चा के बाद इस परियोजना की घोषणा की गई है।
यह परियोजना भारत-अमेरिका सेमीकंडक्टर साझेदारी में एक बड़ा कदम है जो कई मायनों में दोनों देशों के लिए काफी अहम है। दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर सहयोग को एक ऐतिहासिक समझौता बताया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस फैब यूनिट को राष्ट्रीय सुरक्षा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण विकास बताया है।
बता दें कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब अमेरिकी सेना भारत के साथ इस तरह की हाई टेक्नोलॉजी पर साझेदारी करने के लिए तैयार हुई है। इस साझेदारी को उतना ही अहम माना जा रहा है जितना खास असैन्य परमाणु समझौता है और इसे इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। इस फैब्रिकेशन प्लांट का निर्माण साल 2025 में होगा।
प्लांट को दिया गया है ‘शक्ति’ नाम
भारत और अमेरिका साथ मिलकर एक नया सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करेंगे। दोनों देशों द्वारा इसे ‘शक्ति’ नाम दिया गया है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लगाया जाने वाला पहला फैब है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस नए सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना के लिए एग्रीमेंट किया गया है।
सेमीकंडक्टर प्लांट में एडवांस सेंसिंग, कम्युनिकेशन, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, अगली पीढ़ी के टेलीकम्यूनिकेशन और ग्रीन एनर्जी एप्लीकेशन पर फोकस किया जाएगा। इस फैब यूनिट के लिए भारत सेमीकंडक्टर, 3आरडीआईटेक और यूएस स्पेस फोर्स के बीच साझेदारी हुई है।
यूपी में लगाया जा सकता है नया सेमीकंडक्टर प्लांट
नया सेमीकंडक्टर प्लांट उत्तर प्रदेश में लगाए जाने की संभावना है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इसे नोएडा में लगाने की योजना बनाई जा रही है। आधुनिक वारफेयर के तहत आने वाले एडवांस सेंसिंग, कम्युनिकेशन, हाई-वॉल्टेज पावर इलेक्ट्रॉनिक्स इस प्लांट के मुख्य फोकस एरिया होंगे।
बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने ग्लोबलफाउंड्रीज (जीएफ) द्वारा कोलकाता में जीएफ कोलकाता पावर सेंटर के निर्माण के लिए एक दूसरे की तारीफ की है। यही नहीं दोनों नेताओं ने मजबूत, सुरक्षित और टिकाऊ सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला की सुविधा के लिए संयुक्त प्रयासों की भी सराहना की है।
इन कोशिशों के कारण चिप निर्माण में रिसर्च और डेवलपमेंट में पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। जीएफ की ओर से भारत के साथ लंबी अवधि की क्रॉस-बॉर्डर मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है, जिससे दोनों देशों में उच्च-गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा हो सके।
प्लांट किस तरह के सेमीकंडक्टर का करेगा निर्माण
यह प्लांट विशेष सेमीकंडक्टर का निर्माण करेगा। प्लांट में इंफ्रारेड, गैलियम नाइट्राइड और सिलिकॉन कार्बाइड से बने सेमीकंडक्टर को तैयार किया जाएगा। यह न भारत का पहला प्लांट होगा बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दुनिया का पहला मल्टी मटेरियल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होगा।
इससे भारत में रोजगार भी पैदा भी पैदा होगा। यह मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भारत की अन्य देशों पर सेमीकंडक्टर पर निर्भरता को कम करेगा जिसकी वर्तमान में देश को सालाना एक बिलियन डॉलर (100 करोड़) की लागत आती है।
उठाए जा रहे कमद का दोनों देशों ने किया है स्वागत
दोनों देशों ने उद्योगों द्वारा अमेरिकी, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय ऑटोमोटिव बाजारों के लिए सुरक्षित, संरक्षित और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का भी स्वागत किया है।
इस कदम में फोर्ड मोटर कंपनी द्वारा वैश्विक बाजारों में भारत से निर्यात के लिए अपने चेन्नई संयंत्र का उपयोग करने के लिए आशय पत्र प्रस्तुत (एलओआई) करना भी शामिल है।
भारत सरकार की ओर से सेमीकंडक्टर सेक्टर पर खास ध्यान दिया जा रहा है। फिलहाल भारत में 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से पांच सेमीकंडक्टर प्लांट बन रहे हैं।
सेमी कंडक्टर के बारे में क्या बोले हैं पीएम मोदी
अमेरिका में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल जून में भारत ने सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए इंसेंटिव घोषित किया था। इसके कुछ ही महीनों बाद माइक्रोन की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट का शिलान्यास हो गया है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा है कि अब तक भारत में ऐसी पांच यूनिट स्वीकृत हो चुकी हैं। वह दिन अब दूर नहीं, जब आप मेड इन इंडिया चिप अमेरिका में भी देखेंगे। यह छोटी सी चिप विकसित भारत की उड़ान को नई ऊंचाई पर ले जाएगी और ये मोदी की गारंटी है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ