मुंबई: महाराष्ट्र की सतारा पुलिस ने कश्मीरा संदीप पवार (29) के खिलाफ फिर से मामला दर्ज किया है। कश्मीरा पवार पर आरोप है कि उसने खुद के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में ‘राष्ट्रीय सलाहकार’ होने का झूठा दावा किया कई लोगों से धोखाधड़ी की।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को सतारा शहर के एक पुलिस स्टेशन में कश्मीरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसमें आरोप लगाया है कि कश्मीरा पवार ने महाराष्ट्र में स्कूलों के लिए ड्रेस की आपूर्ति का टेंडर दिलाने का वादा करके पुणे की एक महिला को कथित तौर पर धोखा दिया।
एफआईआर में पीड़ित महिला ने बताया है कि कश्मीरा ने कथित तौर पर बिजनेस के लिए उससे एक बैंक खाता खुलवाया। हालांकि, बाद में कश्मीरा और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर लगभग 14.73 करोड़ रुपये के लेनदेन के लिए इस बैंक खाते का इस्तेमाल किया।
पुलिस ने मामले में कश्मीरा, उसके करीबी सहयोगी गणेश गायकवाड़ और कुछ अन्य सहयोगियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 170, 320, 465, 467, 468, 469, 470, 471, 472, 473 के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 55 (c) के तहत भी मामला दर्ज हुआ है।
स्कूल ड्रेस का टेंडर दिलाने के नाम पर दिया झांसा
एफआईआर में बताया गया है कि शिकायतकर्ता पुणे के रावेत की रहने वाली है। उनके पति मुंबई में फायर ब्रिगेड में काम करते हैं। साल 2019 में उनकी बहन के दोस्त अनिल वायडांडे ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘राष्ट्रीय सलाहकार’ के रूप में कश्मीरा से मिलवाया था। एफआईआर में महिला ने बताया है कि वायडांडे ने उनसे कहा कि कश्मीरा राज्य में स्कूलों के लिए ड्रेस की आपूर्ति के लिए टेंडर दे सकती है।
इसके बाद नवंबर 2019 में कश्मीरा छह लोगों के साथ सतारा के एक होटल में शिकायतकर्ता के साथ मीटिंग के लिए आई थी। कश्मीरा ने छह लोगों को अपनी ‘टीम’ के रूप में पेश किया और कुछ दस्तावेज सहित मीडिया में छपी रिपोर्ट पेश की जिसमें दिखाया गया था कि वह पीएमओ के साथ काम कर रही थीं।
बाद में, कश्मीरा के कहने पर ‘पीड़ित महिला’ ने ड्रेस की आपूर्ति के व्यवसाय के लिए मुंबई की एक दुकान के लिए लाइसेंस, ‘इंडियन सप्लाईज’ के नाम पर फर्म का बैंक खाते, जीएसटी नंबर जैसी जरूरी चीजें ली।
एफआईआर में आगे कहा गया है कि जनवरी 2020 में कश्मीरा और उसके सहयोगियों ने टेंडर देने के लिए शिकायतकर्ता से कथित तौर पर 5 लाख रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता ने 2 लाख रुपये का भुगतान भी किया। इसके बाद कश्मीरा ने कथित तौर पर उन्हें 5 करोड़ रुपये की एक फर्जी टेंडर कॉपी दी, जिसमें पुणे और सतारा के स्कूलों में ड्रेस की आपूर्ति का विवरण और ‘भारत सरकार के उप सचिव’ के हस्ताक्षर थे। इसके बाद कश्मीरा ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से टेंडर के लिए पैसे का इंतजाम करने को कहा।
एफआईआर में आगे कहा गया है फरवरी 2020 में कश्मीरा ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता को बता दिया कि उन्हें टेंडर नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उसकी फर्म के खाते में बड़े लेनदेन नहीं दिख रहे हैं। ऐसा कहा गया है कि कश्मीरा और वायडांडे ने कथित तौर पर बड़े लेनदेन करके इसे ‘मजबूत’ बनाने के लिए बैंक खाते की पासबुक और साइन किए चेक ले लिए।
एफआईआर के अनुसार फरवरी 2022 तक इस खाते से 14,73,40,485 रुपये का लेनदेन किया गया। इसके बावजूद शिकायतकर्ता को स्कूल यूनिफॉर्म के लिए कोई टेंडर नहीं दिया गया। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि अक्टूबर 2022 में वायडांडे के निधन के बाद उसे पता चला कि कश्मीरा और उसके सहयोगियों ने कई लोगों को धोखा दिया है। खुलासा होने पर कश्मीरा ने महिला के पैसे लौटाने का आश्वासन भी दिया, इसलिए उसने तब शिकायत दर्ज नहीं कराई।
पहले भी कश्मीरा की धोखाधड़ी से जुड़ा मामला आया है सामने
बहरहाल, सतारा पुलिस अधीक्षक समीर शेख ने पुष्टि की कि महिला के साथ धोखाधड़ी के मामले में कश्मीरा और अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस बीच, पुलिस ने करोड़ों रुपये के वित्तीय लेनदेन की जांच भी शुरू कर दी है जो आरोपियों ने ‘इंडियन सप्लाईज’ फर्म के बैंक खाते का उपयोग करके किया था।
इससे पहले दिसंबर 2017 में मीडिया में पीएमओ के राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में कश्मीरा की ‘नियुक्ति’ के बारे में कुछ खबरें आई थी। रिपोर्टों में दावा किया गया था कि कश्मीरा ने सतारा जिला कलेक्टर के कार्यालय से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ बातचीत की थी। इसके अलावा कश्मीरा ने पीएमओ के अन्य शीर्ष नौकरशाहों से भी बात की थी।
हालांकि, दिसंबर 2022 में, सतारा स्थित एक होटल व्यवसायी फिलिप भम्बल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि कश्मीरा और उनके सहयोगी कथित तौर पर पीएमओ के राष्ट्रीय सलाहकार होने का झूठा दावा करके लोगों को धोखा दे रहे है।
सतारा पुलिस ने लेकिन 4 जनवरी, 2023 को एक ‘अज्ञात व्यक्ति’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद 10 जनवरी, 2023 को कश्मीरा की शिकायत के आधार पर सतारा पुलिस ने वित्तीय विवाद को लेकर पैसे मांगने और लेने के आरोप में व्यवसायी भम्बल और अन्य के खिलाफ ही जबरन वसूली की एफआईआर दर्ज कर दी।
इसके बाद भम्बल ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी शिकायत की जांच सीआईडी या सीबीआई को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की। इस बीच एफआईआर दर्ज होने के लगभग डेढ़ साल बाद सतारा पुलिस ने 19 जून, 2024 को अपराध में कथित संलिप्तता के लिए कश्मीरा सहित गणेश नाम के शख्स को गिरफ्तार किया। हालांकि अगले दिन ही दोनों आरोपियों को कोर्ट से जमानत भी मिल गई और वे रिहा हो गए।
पुणे में व्यवसायी से ठगी
वैसे ये गिरफ्तारी 17 जून को पुणे के बनगार्डन पुलिस स्टेशन में इनके खिलाफ एक व्यवसायी गोरख मराल से 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक अलग प्राथमिकी दर्ज होने के ठीक दो दिन बाद हुई थी। मराल ने आरोप लगाया था कि पीएमओ में राष्ट्रीय सलाहकार होने का दावा करते हुए कश्मीरा और गणेश ने उन्हें सरकारी काम के लिए टेंडर दिलाने का आश्वासन दिया था।
इसी साल जुलाई में हाईकोर्ट ने सतारा पुलिस की जांच पर संदेह जताया था और एसपी से जांच की निगरानी करने को कहा था।
बहरहाल, भम्बल के खिलाफ जबरन वसूली की एफआईआर में कश्मीरा के बयान में उल्लेख किया गया है कि उसके पास समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री है। इसके अलावा उसने केंद्र के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘ग्रामीण विकास परियोजना’ पर अन्य छात्रों और शिक्षकों के साथ एक परियोजना बनाई थी, जब वह सतारा के छत्रपति शिवाजी कॉलेज में 2014-15 के आसपास थी। उसे पहला प्राइज भी मिला था।