नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में सोमवार, 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास विस्फोट हुआ जिसमें कम से कम 10 लोग मारे गए। यह घटना फरीदाबाद में पुलिस द्वारा एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ का खुलासा करने के कुछ घंटों बाद हुई। घटना के बाद से फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी काफी चर्चा में है और जांच के घेरे में भी है।
इससे पहले उसी दिन हरियाणा पुलिस ने आईबी के साथ मिलकर फरीदाबाद में छापेमारी कर डॉक्टर के घर से 350 किलो विस्फोटक सामग्री के साथ एक एके-47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दोनों घटनाओं के बीच लिंक की संभावना जताई जा रही है। मंगलवार, 11 नवंबर को हरियाणा पुलिस ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के सिलसिले में फरीदाबाद के धौज स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय पर छापा मारा।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी चर्चा में क्यों है?
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल में विश्वविद्यालय से जुड़े तीन डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद जांच के घेरे में है। कश्मीरी डॉक्टर मुजम्मिल शकील और उमर मोहम्मद के साथ लखनऊ निवासी शाहीन शाहिद को कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों में जुड़े होने के कारण गिरफ्तार किया गया है। इन तीनों का संबंध विश्वविद्यालय से है।
हरियाणा पुलिस ने दिल्ली में हुए धमाके के एक दिन बाद रेड मारी। इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से लिखा कि दिल्ली विस्फोट में शामिल गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति की पहचान पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर मोहम्मद के नाम से हुई है। उमर मोहम्मद का भी कथित तौर पर फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से संबंध था। डॉ. उमर मोहम्मद उन नबी अल-फलाह कॉलेज का एल्युमनाई है। यह कॉलेज अल-फलाह यूनिवर्सिटी से संबद्ध है।
कब हुई थी विश्वविद्यालय की स्थापना?
अल-फलाह विश्वविद्यालय की स्थापना साल 2014 में हुई थी। विश्विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा 2(एफ) और 12(बी) के अंतर्गत मान्यता भी दी गई थी।
यह विश्वविद्यालय अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का एक प्रयास है। इस परिसर में तीन कॉलेज चल रहे हैं। इसमें अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (1997 से), ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (2008 से) और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (2006 से) शामिल हैं।
विश्वविद्यालय करीब 70 एकड़ में फैला हुआ है। परिसर में एक 600 बेड वाला अस्पताल है जहां बहु विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मुफ्त परामर्श और मामूली कीमतों पर जांच की सुविधा उपलब्ध है।
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प्राथमिक निष्कर्षों के मुताबिक, लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डिटोनेटर का इस्तेमाल किया गया हो सकता है।
एनडीटीवी ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि डॉ. शाहीन शाहिद जिनका कथित तौर पर अल-फलाह यूनिवर्सिटी से संबंध है, वह लखनऊ के लाल बाग की रहने वाली हैं। वह कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग का भारत में गठन करने का काम कर रहीं थीं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात-उल-मोमिनात का नेतृत्व मौलाना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर कर रही हैं।

