पंचकुलाः पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मोहम्मद मुस्तफा पर बेटे अकील अख्तर की मौत मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में उनकी पत्नी और पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना, बेटी और बहू का भी नाम है।
मुस्तफा ने बेटे अकील की मौत के मामले में दर्ज हत्या के आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने और अपनी पत्नी रजिया सुल्ताना के खिलाफ दर्ज पुलिस केस का स्वागत करते हैं, क्योंकि जाँच से सच्चाई सामने आएगी।
अकील अख्तर 16 अक्टूबर को पंचकुला के मंसा देवी कॉम्प्लेक्स स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक रिपोर्ट में मौत का कारण दवाओं की ओवरडोज बताया गया था। लेकिन पड़ोसी शमशुद्दीन की शिकायत और अकील के वीडियो में उठाए गए आरोपों ने हत्या की संभावना पर गंभीर संदेह पैदा किया। अकील का अंतिम संस्कार यूपी के सहारनपुर जिले के पैतृक गांव हरदा खेड़ी में किया गया था।
मामले ने तब तूल पकड़ा जब अकील का एक वीडियो सामने आया जिसमें उसने अपने पिता, मां, बहन और पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए। वीडियो में अकील ने पिता पर अपनी पत्नी के साथ अवैध संबंध रखने और उसे मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। वीडियो में अकील को कहते सुना गया था कि उनकी मां और बहन या तो उनकी हत्या की साजिश कर रही हैं या उन्हें किसी झूठे मामले में फंसाने की योजना बना रही हैं। हालांकि कुछ समय बाद सामने आए एक दूसरे वीडियो में अकील ने कहा कि उसने पहले वीडियो में स्किजोफ्रेनिया की स्थिति में बहुत सी गलत बातें कह दीं और अपने परिवार को बेहद अच्छा बताया।
इन वीडियो के आधार पर पंजाब के मालेरकोटला निवासी (अकील के पड़ोसी) शमशुद्दीन चौधरी ने पुलिस में शिकायत दी। इसके बाद पंचकुला पुलिस ने हत्या (धारा 302) और आपराधिक साजिश (धारा 61) के तहत मामला दर्ज किया।
पूर्व डीजीपी ने एफआईआर पर क्या कहा?
एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए मोहम्मद मुस्तफा ने सभी आरोपों को पूरी तरह झूठा बताया। उन्होंने कहा, “मैं इस जांच का स्वागत करता हूं ताकि सच्चाई सामने आए। मेरा बेटा करीब 18 साल से मानसिक बीमारी और नशे की लत से जूझ रहा था। वह कई बार हिंसक हो जाता था। एक बार तो उसने अपनी मां की हड्डी तोड़ दी थी, लेकिन हम सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोले क्योंकि हम सार्वजनिक जीवन में हैं।”
मुस्तफा ने कहा कि अकील ने 27 अगस्त को वह वीडियो पोस्ट किया था और दो घंटे बाद खुद ही डिलीट कर दिया। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने उसे डाउनलोड कर अब हमारे परिवार की छवि खराब करने के लिए उसका इस्तेमाल शुरू कर दिया।”
पूर्व डीजीपी ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद बेटे का पोस्टमॉर्टम कराने का अनुरोध किया था, जिसकी रिपोर्ट अभी जारी नहीं हुई है। मैं विशेष जांच दल के गठन का समर्थन करता हूं और पूरी तरह सहयोग करूंगा ताकि सच्चाई सामने आ सके।
मुस्तफा, 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं, जिन्होंने 2021 में डीजीपी (मानवाधिकार) के रूप में रिटायरमेंट लिया था। वे पंजाब में आतंकवाद के दौर में अपनी सेवा के लिए चार बार राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित हो चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन की और अपनी पत्नी रजिया सुल्ताना के लिए प्रचार किया, जो तीन बार की विधायक रह चुकी हैं और कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री भी थीं।
रजिया सुल्ताना ने 2021 में चन्नी सरकार के गठन के समय मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। 2022 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद जमीउर रहमान के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं। मुस्तफा ने कहा कि हम अपने जवान बेटे की मौत से टूट चुके हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी हमारे खिलाफ झूठे आरोप लगाए और हम चुप रहें। कानून में पूरा भरोसा है, सच्चाई सामने आएगी।