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मुंबई: प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन (73) का रविवार, 15 दिसंबर को निधन हो गया। उनके निधन से जुड़ी खबरें रविवार देर रात आने लगी थी। हालांकि, परिवार ने कुछ घंटे बाद सोमवार तड़के इसकी पुष्टि की। परिवार के मुताबिक जाकिर हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे। परिवार के अनुसार हुसैन पिछले दो हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे। हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वहीं, हुसैन की मैनेजर निर्मला बच्चानी ने देर रात एक बयान में कहा कि उस्ताद रक्तचाप संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।
जाकिर हुसैन के बारे में
प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च, 1951 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। प्रख्यात तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे के रूप में, वे बचपन से ही संगीत की ओर आकर्षित थे।
उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा मुंबई के माहिम में सेंट माइकल हाई स्कूल से पूरी की और बाद में सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और संगीत व शिक्षा में अपनी नींव को और मजबूत किया। हुसैन ने कथक नृत्यांगना और शिक्षिका एंटोनिया मिनेकोला से विवाह किया। उनकी दो बेटियां अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी हैं।
पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित
उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। उन्होंने 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम 'लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड' लॉन्च किया था।
हुसैन प्रतिष्ठित ग्रैमी अवॉर्ड से भी नवाजे गए थे। उन्हें 2009 में पहला ग्रैमी अवॉर्ड मिला। इसके बाद उन्होंने 2024 में उन्होंने 3 अलग-अलग एल्बम के लिए 3 ग्रैमी जीते। 2019 में हुसैन को संगीत नाटक अकादमी से भी अकादमी रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था।
जाकिर हुसैन: कुछ फिल्मों में भी आए नजर
जाकिर हुसैन ने ‘साज़’, ‘हीट एंड डस्ट’ सहित कुछ फ़िल्मों में भी अभिनय किया। उनकी सबसे हालिया फ़िल्म ‘मंकी मैन’ 2024 में रिलीज़ हुई।
उद्योगपति हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया पर ज़ाकिर हुसैन के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "दुनिया खामोश हो गई है क्योंकि तबला अपने उस्ताद को खो चुका है। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, एक लयबद्ध प्रतिभा जिसने भारत की आत्मा को वैश्विक मंचों पर पहुंचाया, हमें छोड़कर चले गए। मैं उन्हें एचएमवी के साथ उनके संबंध के माध्यम से जानने और अपने घर पर उनके अविश्वसनीय प्रदर्शन को देखने का सौभाग्य प्राप्त कर चुका हूं, उनकी धुनें हमेशा गूंजती रहेंगी।"
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने लिखा, "उस्ताद जाकिर हुसैन की तबला वादन की असाधारण महारत ने संगीत की दुनिया में एक कालातीत विरासत बनाई है। उनके परिवार, दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं, जिनके जीवन को उन्होंने अपनी कला से छुआ। उनकी लय हमेशा हमारे दिलों में गूंजती रहेगी।"
गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने लिखा, स्वर्ग की लय अभी थोड़ी और जीवंत हो गई है। अलविदा, जाकिर हुसैन। आपका संगीत मानवता के लिए एक आशीर्वाद बना रहेगा।
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)