तिरुवनंतपुरम: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और बिग बॉस मलयालम की पूर्व कंटेस्टेंट जैस्मिन जाफर के एक वीडियो पर केरल में विवाद खड़ा हो गया है। जाफर ने केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में एक वीडियो बनाया था। अब हटाए जा चुके वीडियो में जाफर मंदिर के पवित्र तालाब में अपने पैर धोती नजर आ रही थीं। मंदिर से जुड़े अधिकारियों के अनुसार यह कृत्य लंबे समय से चले आ रहे मंदिर के नियमों का उल्लंघन था। यह वीडियो क्लिप मूल रूप से जाफर के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की गई थी, और तेजी से वायरल हुई। इसके बाद विवाद शुरू हुआ।
जैस्मिन जाफर कौन है?
जैस्मिन जाफर केरल की एक कंटेंट क्रिएटर हैं, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में बिग बॉस मलयालम में एक प्रतियोगी के रूप में प्रसिद्धि पाई। उन्होंने शुरुआत में अपने YouTube चैनल के जरिए लोकप्रियता हासिल की, जहाँ वह ब्यूटी टिप्स और लाइफस्टाइल कंटेंट शेयर करती हैं। आज, YouTube पर उनके 15 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। इसके अलावा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके कई फॉलोअर हैं। जाफर की लोकप्रियता बिग बॉस मलयालम सीजन 6 में भाग लेने के बाद और बढ़ गई, जहां वह दूसरी रनर-अप रही थीं।
मंदिर के तालाब में पैर धोने पर शुरू हुआ विवाद
हाल ही में जाफर को गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर के पवित्र तालाब पर एक रील फिल्माने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। वेबसाइट मातृभूमि की एक रिपोर्ट के अनुसार क्लिप में वे मंदिर के पवित्र तालाब में अपने पैर धोते नजर आ रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार इससे मंदिर सदियों पुराने रीति-रिवाज और परंपरा का उल्लंघन था। इस मंदिर में भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा होती है। इस मंदिर के देवता भगवान गुरुवायुरप्पन हैं (बालगोपालन) जो कृष्ण का बालरूप है। इस दक्षिण की द्वारका के नाम से भी पुकारा जाता है। इस मंदिर को भूलोक वैकुंठम के नाम से भी जाना जाता है।
विवाद बढ़ने के बाद माफी
बहलहाल, जाफर ने वीडिया पर विवाद बढ़ने और लोगों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद इंस्टाग्राम पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उन्हें इन प्रतिबंधों के बारे में जानकारी नहीं थी और उनका इरादा कभी किसी को ठेस पहुँचाने या विवाद पैदा करने का नहीं था। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, 'जो लोग मुझसे प्यार करते हैं और बाकी सभी, मैं समझती हूँ कि मेरे द्वारा बनाए गए वीडियो से उन्हें परेशानी हुई... मैं अनजाने में हुई इस गलती के लिए दिल से माफ़ी माँगती हूँ।'
मंदिर प्रशासन ने भी तुरंत मामले का संज्ञान लिया है। गुरुवायुर देवस्वोम ने तालाब को 'अशुद्ध' घोषित किया है और शुद्धिकरण अनुष्ठान करने की घोषणा भी की है। अधिकारियों ने बताया कि इसमें छह दिनों तक विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे। इस दौरान दर्शन पर भी प्रतिबंध रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार मंदिर के प्रशासक ओबी अरुण कुमार ने भी मंदिर पुलिस में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो बनाए जाने से मंदिर के नियमों का उल्लंघन हुआ है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई गई है। गौरतलब है कि मंदिर के गलियारे में अदालती आदेश के तहत फोटो या वीडियो बनाना सख्त वर्जित है। इसके अलावा मंदिर के तालाब में भी बिना पूर्व लिखित अनुमति के फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी वर्जित है।