तमिलनाडुः जहरीली शराब से मौतों पर अभिनेता सूर्या ने राज्य सरकार को घेरा- लोगों ने वोट दिया कि जिंदगी बेहतर होगी लेकिन...

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Tamil Nadu: Actor Suriya cornered the state government on deaths due to poisonous liquor - People voted that life

Tamil Nadu: Actor Suriya cornered the state government on deaths due to poisonous liquor - People voted that life

चेन्नईः तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत हो गई है जबकि 100 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इस त्रासदी पर संवेदना व्यक्त करते हुए तमिल अभिनेता सूर्या शिवकुमार ने राज्य सरकार की नीतियों और इस पर हो रहे राजनीतिक विवाद पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी।

सूर्या ने एक्स अकाउंट पर लिखा कि "हम देखते आ रहे हैं कि चुनाव के समय ही सब पार्टियां शराब नीति पर बहस करती हैं। तमिलनाडु की जनता ने 20 साल से ज्यादा समय से सरकारों को तमिलनाडु राज्य मदिरा निगम (TASMAC) के जरिए शराब बेचते और लोगों को पीने पर मजबूर करते हुए देखा है। जनता ने यह भरोसा करके वोट दिया था कि उनकी जिंदगी बेहतर होगी, लेकिन उन्हें लगातार सरकारों की नाकामी देखनी पड़ रही है।"

सूर्या ने तमिलनाडु राज्य विपणन निगम द्वारा बेची जाने वाली शराब की लत के भयानक परिणामों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि "जब 150 रुपये की TASMAC वाली शराब खरीदने की आदत लग चुके लोग इसे लेने में असमर्थ होते हैं, तो वो 50 रुपये वाली जहरीली शराब पीने लगते हैं।"

एक व्यक्ति नहीं, पूरे समाज की समस्या हैः सूर्या

उन्होंने ये भी बताया कि शराब की लत सिर्फ एक व्यक्ति की समस्या नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करने वाली जटिल समस्या है। अभिनेता ने एक्स पर पोस्ट किए नोट में सरकार को भी घेरा। उन्होंने कहा कि  "कब समझेंगे कि शराब की लत सिर्फ एक आदमी की बीमारी नहीं बल्कि हर परिवार, हर समाज की समस्या है? जहाँ सरकार खुद शराब पीने को बढ़ावा देती है, वहाँ सालों से चल रही हिंसा को तुरंत रोका जाना चाहिए। "

सूर्या ने राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की, दी नसीहत

 सूर्या ने इस हादसे को रोकने के लिए सरकार और राजनीतिक पार्टियों से दूरदर्शिता से काम करने का आग्रह किया। अभिनेता ने लिखा कि "अगर सरकार और राजनीतिक पार्टियां दूरदर्शिता से काम लें तो भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। मैं जनता के साथ-साथ ये भी विश्वास करता हूँ कि मुख्यमंत्री जनता की भलाई के लिए शराब नीति में सुधार लाने का फैसला लेंगे, भले ही वो अल्पकालिक समाधान ही क्यों न हो।"

गौरतलब है कि कालकुरी जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हुए थे। मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई जिन्हें शुक्रवार को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।  आरोपियों की पहचान गोविंदराज, दामादोरन और विजया के रूप में हुई है। तीनों आरोपी फिलहाल कुड्डालोर केंद्रीय कारागार में बंद हैं।

मुआवजे की घोषणा

इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। जबकि उपचाराधीन लोगों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। पीड़ितों का इलाज कल्लकुरिची सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा सलेम, विल्लुपुरम और पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जिपमेर) के अस्पतालों में चल रहा है।

जांच शुरू

राज्य सरकार ने इस त्रासदी की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं और जांच का नेतृत्व मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी गोकुलदास करेंगे। न्यायमूर्ति गोकुलदास तीन महीने के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। तमिलनाडु पुलिस की सीबी-सीआईडी ने एसपी शांताराम के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी है।

तमिलनाडु पुलिस ने तिरुचिरापल्ली जिले में शुक्रवार को 250 लीटर अवैध शराब जब्त कर उसका निपटान किया गया। पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई खुफिया सूचना के आधार पर शुक्रवार रात को तिरुचिरापल्ली के जिला कलेक्टर प्रदीप कुमार और पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार ने की। जिला कलेक्टर प्रदीप कुमार ने स्थानीय लोगों से बात की और उन्हें अवैध शराब के हानिकारक प्रभावों से अवगत कराया। उन्होंने लोगों से शपथ भी दिलाई कि वे अवैध शराब का सेवन नहीं करेंगे।

भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

उधर, 53 लोगों की हुई मौत पर भाजपा ने डीएमके सरकार और कांग्रेस को निशाने पर लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ये मौतें प्रायोजित हत्याएं हैं, जिसके लिए डीएमके की सरकार जिम्मेदार है। यह पहली बार नहीं हुआ है। 2023 में भी नकली शराब पीने से 23 लोगों की जान गई थी। उस समय भी भाजपा की तमिलनाडु इकाई ने यह दिखाया था कि डीएमके के नेताओं का वहां पर किस तरह से अवैध शराब का गोरखधंधा चल रहा था। शराब का कारोबार पुलिस स्टेशन के पास खुलेआम चल रहा था, उस पर कोई कार्रवाई इसलिए नहीं की गई क्योंकि इसमें राजनेताओं की पूरी मिलीभगत है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में जो आरोपी पकड़े गए हैं, उनके पास से डीएमके का स्टीकर मिला है। इसका मतलब है कि पकड़ा गया व्यक्ति डीएमके नेताओं का बहुत करीबी रहा होगा। प्रदेश में जब भी डीएमके की सरकार आती है, इस प्रकार की हत्याएं होती हैं, यह कोई संयोग नहीं है। इस मामले में हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं। एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, एक्साइज मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। प्रदेश के मुख्यमंत्री स्टालिन वहां गए तक नहीं, इसका भी जवाब उन्हें देना चाहिए।

इस पूरे मामले पर राहुल गांधी की चुप्पी पर उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस को दलित और साउथ की चिंता नहीं है। कई घंटे बीतने के बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के किसी भी नेता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे यह साफ होता है कि दलितों के प्रति, साउथ के प्रति कांग्रेस को कितनी चिंता है।

 

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