धमकियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं; ठग लाइफ पर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से पूछा सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि न्याय के हित में है कि केस को बंद किया जाए।हम राज्य पर जुर्माना नहीं लगाएंगे। 

Supreme Court slams Karnataka over Thug Life ban

Supreme Court slams Karnataka over Thug Life ban Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: कमल हासन की फिल्म ठग लाइफ के कर्नाटक में रिलीज होने का रास्ता अब साफ हो गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसे लेकर आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य का कर्तव्य है कि वह उन भीड़ को नियंत्रित करे जो लोगों को धमकाती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से कहा कि वह राज्य में कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ की स्क्रीनिंग में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ‘अगर धमकियां दी जाएंगी, तो कौन थिएटर जाएगा?’ कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उसने फिल्म की रिलीज पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।

जब वकील ने कहा कि राज्य में भावनाएं उफान पर हैं, तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह भावनाओं के आहत होने का मुद्दा है। इसका कोई अंत नहीं होगा। क्या इनकी वजह से फिल्में बंद होनी चाहिए? क्या स्टैंड-अप कॉमेडियंस को रोका जाना चाहिए? कवियों को कविताएं नहीं सुनानी चाहिए? भारत में भावनाओं के आहत होने का कोई अंत नहीं होगा।’सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सिद्धारमैया की अगुवाई वाली राज्य सरकार से फिल्म की रिलीज के लिए खतरा बनने वाले किसी भी ‘विभाजनकारी तत्व’ को रोकने के लिए कहा। राज्य सरकार के आश्वासन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई दिशा-निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है।

कर्नाटक सरकार से जवाब दाखिल करने का निर्देश

इस मामले पर कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, जिसके चलते राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए फिल्म की रिलीज को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की। सरकार ने कहा कि अगर फिल्म रिलीज होती है तो वह सिनेमाघरों, कलाकारों, निर्देशकों, निर्माताओं और दर्शकों सहित सभी संबंधित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। 

कर्नाटक सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में 'कानून का शासन' बनाए रखना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है और इस दिशा में हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने अपने नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिसमें इस मामले से जुड़े सभी हितधारकों के अधिकार भी शामिल हैं। सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि अगर फिल्म कर्नाटक के सिनेमाघरों में रिलीज होती है तो वह सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तत्परता से कार्य करेगी।

'ठग लाइफ' के प्रमोशन के दौरान भाषा को लेकर की थी टिप्पणी 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को अपने पास ट्रांसफर कर लिया था और कर्नाटक सरकार को 18 जून तक जवाब देने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट का कहना था कि किसी भी भीड़ को यह अधिकार नहीं दिया जा सकता कि वह कानून को अपने हाथ में लेकर फिल्म रिलीजिंग प्रक्रिया को प्रभावित करे। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कानून का शासन बनाए रखे।

कोर्ट ने आगे कहा कि फिल्म रिलीज होनी ही चाहिए, और थिएटर मालिकों को इस बात का डर नहीं होना चाहिए कि उनके थिएटर में कोई हिंसा या आगजनी की जाएगी। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि यह लोगों की इच्छा पर निर्भर करता है कि वे फिल्म देखें या न देखें, लेकिन सेंसर बोर्ड से प्रमाणित फिल्म को रिलीज जरूर किया जाना चाहिए। बता दें कि कमल हासन ने 'ठग लाइफ' के प्रमोशन के दौरान भाषा को लेकर टिप्पणी की थी। 28 मई को चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि कन्नड़ का जन्म तमिल से हुआ है।

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