हैदराबादः तेलुगु सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री सौंदर्या की 2004 में हुई दुखद विमान दुर्घटना में मौत को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रसिद्ध फिल्म 'सूर्यवंशम' में राधा सिंह की भूमिका निभाने वाली सौंदर्या की मौत को अब एक साजिश करार दिया जा रहा है। आंध्र प्रदेश के खम्मम जिले में सामाजिक कार्यकर्ता चित्तिमल्लू द्वारा दायर एक शिकायत में वरिष्ठ अभिनेता मोहन बाबू पर उनकी हत्या और संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया गया है।

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, चित्तिमल्लू ने आरोप लगाया है कि सौंदर्या और उनके भाई अमरनाथ पर मोहन बाबू ने शमशाबाद में स्थित छह एकड़ जमीन बेचने के लिए दबाव डाला था। जब उन्होंने इसे बेचने से इनकार कर दिया, तो दोनों के बीच तनाव बढ़ गया। शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि सौंदर्या की मौत के बाद मोहन बाबू ने जबरन इस जमीन पर कब्जा कर लिया।

सौंदर्या की रहस्यमयी मौत और मोहन बाबू...

17 अप्रैल 2004 को सौंदर्या एक राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए करीमनगर जा रही थीं, जब उनका निजी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में उनकी और उनके भाई अमरनाथ की मौत हो गई। उस समय उनकी उम्र 31 साल थी और वे गर्भवती थीं। चौंकाने वाली बात यह है कि उनका शव दुर्घटनास्थल से कभी बरामद नहीं हुआ।

News18 कन्नड़ की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता चित्तिमल्लू का दावा है कि सौंदर्या की मौत महज एक हादसा नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित हत्या थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं और उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस से गुहार लगाई है।

शिकायत में मोहन बाबू और उनके बेटे मांचू मनोज के बीच संपत्ति विवाद का भी जिक्र किया गया है, जो पिछले साल चर्चा में रहा था। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और न ही मोहन बाबू ने इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी है।

सौंदर्या और मोहन बाबू का कनेक्शन

सौंदर्या और मोहन बाबू ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया था। दिलचस्प बात यह है कि उनकी आखिरी फिल्म 'शिव शंकर' में भी उन्होंने मोहन बाबू के साथ अभिनय किया था। यह फिल्म उनकी मौत के बाद रिलीज हुई थी। उनकी एक और प्रसिद्ध फिल्म 'आप्तमित्र' (जो मलयालम फिल्म 'मणिचित्राथाजु' का रीमेक थी) भी मरणोपरांत रिलीज हुई और सुपरहिट साबित हुई।

सौन्दर्या भारतीय फिल्म अभिनेत्री और निर्माता थीं, जिन्होंने मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में काम किया। साथ ही कन्नड़, तमिल, मलयालम और हिंदी फिल्मों में भी अपनी पहचान बनाई। 2002 में, उन्हें कन्नड़ फिल्म द्वीपा के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्माता के रूप में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें दो बार राज्य फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सम्मान मिला। सौन्दर्या को अम्मोरु (1994), अंथपुरम (1998), राजा (1999), द्वीपा (2002) और आप्टामित्र (2004) जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर और नंदी पुरस्कार भी प्राप्त हुए।