Ratan Thiyam Passed Away: भारतीय रंगमंच के दिग्गज और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित रतन थियम का बुधवार तड़के निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे और मणिपुर से ताल्लुक रखते थे।

रतन थियम भारतीय रंगमंच में 1970 के दशक में शुरू हुए "थिएटर ऑफ रूट्स" आंदोलन के अग्रणी स्तंभों में गिने जाते थे। उन्होंने प्राचीन भारतीय रंग परंपराओं को समकालीन संदर्भों में ढालकर अनेक नाटक लिखे और मंचित किए। उनके सृजन में भारतीय मिथकों, इतिहास और दर्शन की गहरी समझ के साथ आधुनिक सामाजिक सच्चाइयों की प्रस्तुति दिखाई देती थी।

थियम को समकालीन भारतीय रंगमंच के सबसे प्रभावशाली गुरुओं में माना जाता था। वे संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे, और इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के अध्यक्ष के रूप में भी सेवाएं दीं। उनके निधन पर मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह सहित कई राजनीतिक और सांस्कृतिक हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया।

बीरेन सिंह ने एक्स पर लिखा, श्री रतन थियम जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वे भारतीय रंगमंच के एक सच्चे प्रकाशपुंज और मणिपुर की सांस्कृतिक आत्मा थे। उनकी रचनात्मकता, दृष्टि और मणिपुरी संस्कृति के प्रति प्रेम ने न केवल रंगमंच की दुनिया को समृद्ध किया, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान को भी गहराई दी। उनका कार्य मणिपुर की आत्मा की तरह था—जो इसकी कहानियां, संघर्ष और सौंदर्य को मुखर करता था।

पूर्व सीएम ने आगे लिखा, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके अवशेष कार्यों व प्रेरणादायक जीवन से हमें आगे बढ़ने की शक्ति मिले।

मणिपुर भाजपा अध्यक्ष ए. शारदा देवी ने भी उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने लिखा, "थियम जी न केवल रंगमंच की दुनिया की एक विराट हस्ती थे, बल्कि पूर्वोत्तर भारत से एनएसडी के निदेशक बनने वाले इकलौते व्यक्ति भी थे। उन्हें पद्मश्री सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनका जाना मणिपुर और पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।"

देवी ने भाजपा मणिपुर की ओर से थियाम के परिजनों, मित्रों और पूरे कला समुदाय के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं।