नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूट्यूब सेलिब्रिटी रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ की गई अश्लील टिप्पणियों के मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अदालत ने कहा कि रणवीर की टिप्पणियाँ न केवल निंदनीय हैं, बल्कि समाज के लिए भी घातक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि इलाहाबादिया के मन में "कुछ बहुत गंदा" था, जिसे उन्होंने शो पर उगल दिया।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने रणवीर इलाहाबादिया के विवादास्पद बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इस प्रकार का व्यवहार निंदनीय है। क्या कोई भी इस तरह की भाषा पसंद करेगा? क्या यह सही है कि आप सिर्फ इसलिए समाज को हल्के में लें कि आप लोकप्रिय हैं?" अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह के शब्दों से समाज और परिवारों को शर्मिंदगी महसूस होती है और ये गंदे दिमाग की उपज है।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "स्वतंत्रता भाषण के नाम पर कोई भी व्यक्ति समाज के नियमों के खिलाफ जो चाहे, बोलने का लाइसेंस नहीं पा सकता। क्या आपको यह लाइसेंस मिला है कि आप अपनी गंदी मानसिकता को उजागर करें? आपको अपनी रक्षा के लिए गुवाहाटी क्यों नहीं जाना चाहिए?"

अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा,  "आपके द्वारा चुने गए शब्दों से माता-पिता को शर्म आएगी, बहनों को शर्म आएगी, पूरा समाज शर्मसार होगा। यह विकृत मानसिकता है। यह वह स्तर है, जिस तक आप और आपके साथी गिर चुके हैं। हमारे पास न्यायिक प्रणाली है, जो कानून से बंधी है। यदि धमकियां हैं, तो कानून अपना काम करेगा।"

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि "सिर्फ इस कारण कि कोई व्यक्ति बहुत लोकप्रिय हो गया है, क्या इसका मतलब है कि वह कोई भी शब्द बोल सकता है और पूरे समाज को हल्के में ले सकता है? क्या दुनिया में कोई है जो इस तरह की भाषा को पसंद करेगा? उसके मन में कुछ बहुत गंदा था, जिसे उसने बाहर उगल दिया।"

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "उसे इस बात पर शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने माता-पिता को क्या किया है। हम इन्कलाबी महलों में नहीं रहते और हमें यह पता है कि उसने ऑस्ट्रेलियाई शो का कंटेंट कैसे नकल किया। ऐसे शो में चेतावनियां दी जाती हैं।"

रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से राहत, पासपोर्ट जब्त

रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर महाराष्ट्र और असम में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की थी और गिरफ्तारी से सुरक्षा की अपील की थी। अदालत ने उसे राहत प्रदान करते हुए गिरफ्तारी से सुरक्षा दी और मामले में जांच में शामिल होने का आदेश दिया। साथ ही, कोर्ट ने इलाहाबादिया को कहा कि अगले आदेश तक कोई भी यूट्यूब शो प्रसारित नहीं करेंगे। बिना आदेश देश से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी। अदालत ने रणवीर को पुलिस थाने में पासपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसपर, रणवीर के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि यूट्यूबर को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उनके जीभ काटने पर 5 लाख का इनाम रखा गया है। अदालत ने कहा कि यदि कोई धमकियाँ मिल रही हैं, तो कानून अपना काम करेगा, और पुलिस जांच के दौरान आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी। 

'इंडिया गॉट लेटेंट' शो से जुड़े कई लोगों पर FIR

'इंडिया गॉट लेटेंट' शो पर की गई भद्दी टिप्पणी के बाद रणवीर इलाहाबादिया और अन्य आरोपितों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गईं हैं। इस मामले में कॉमेडियन समाय रैना और अन्य यूट्यूब सेलिब्रिटी आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्व मखीजा भी नामित हैं। इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है और आरोपितों को समन जारी किया है। हालांकि, कई आरोपितों ने व्यक्तिगत सुरक्षा, विदेश यात्रा और अन्य कारणों का हवाला देते हुए आयोग के सामने पेश होने से मना कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि रणवीर इलाहाबादिया अब तक पुलिस या अन्य जांच एजेंसियों के सामने पेश नहीं हुए हैं। मुंबई और गुवाहाटी पुलिस ने एक संयुक्त बयान में कहा कि महाराष्ट्र साइबर और गुवाहाटी पुलिस के अलावा, जयपुर पुलिस ने भी रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन वह अभी तक जांच एजेंसियों से संपर्क नहीं किया है। रणवीर को 24 फरवरी को महाराष्ट्र साइबर विभाग में पेश होने का आदेश दिया गया है।