कोलकाता: फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री की आगामी फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' का ट्रेलर लॉन्च शनिवार को कोलकाता में भारी विवादों में घिर गया। एक 5-स्टार होटल में आयोजित कार्यक्रम को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया, जिसके बाद फिल्म की टीम और पुलिस के बीच तीखी बहस भी हुई। इस घटना से विवेक अग्निहोत्री और फिल्म के प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल बेहद नाराज दिखे।

फिल्म की पूरी टीम, प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल, निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री और मीडिया वहां मौजूद थे। लेकिन जैसे ही स्क्रीनिंग शुरू हुई, पुलिस पहुंच गई और कार्यक्रम को बीच में ही रुकवा दिया। इस दौरान फिल्ममेकर्स और पुलिस के बीच बहस भी हुई, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। 

प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, "हम लोगों ने रात भर तैयारी करके इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। सारी परमिशन होने के बावजूद डायरेक्ट एक्शन डे के दिन हम पर ही एक्शन करवा दिया गया। हमारे साथ 'खेला' हो गया।" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है, और क्या संविधान काम नहीं करता?

लगातार दबाव और 'तानाशाही' का आरोप

विवेक अग्निहोत्री ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि ट्रेलर लॉन्च को लेकर पहले ही कई मुश्किलें आ रही थीं। शुक्रवार को भी उन्होंने एक वीडियो जारी कर बताया था कि सारी परमिशन होने के बावजूद मल्टीप्लेक्स में होने वाली स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई थी। उनका आरोप था कि यह सब राजनीतिक दबाव के कारण हो रहा है और कोई उनकी आवाज को दबाना चाहता है। उन्होंने इस घटना को "तानाशाही" करार दिया।

अग्निहोत्री ने कहा, "आयोजकों ने बताया कि वे स्क्रीनिंग नहीं कर सकते क्योंकि राजनीतिक दबाव है। फिर हमने बैंक्वेट हॉल में लॉन्च करने का फैसला किया, लेकिन वहाँ भी बाधा डाली गई। कार्यक्रम के दौरान बिजली की तार काट दी गई। मुझे समझ नहीं आता कि वे किस बात से डर रहे हैं, जबकि यह फिल्म सेंसर बोर्ड से पास हो चुकी है और अमेरिका में दिखाई जा चुकी है।"

उन्होंने आगे कहा कि बंगाल सरकार को इस फिल्म पर गर्व होना चाहिए था, क्योंकि यह उसी कोलकाता के लोगों की कहानी है जिन्होंने 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे का दर्द झेला। फिल्ममेकर ने कहा कि “पता नहीं वे क्यों डरते हैं। उनका मकसद बस हमारी आवाज़ दबाना है। लेकिन मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।”

फिल्म से बतौर निर्माता और कलाकार जुड़ीं अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने आरोप लगाया कि फिल्म का ट्रेलर दिखाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने एएनआई से कहा, “मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा कि हमारी फिल्म को रोका गया। क्या इस राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? हम कलाकार और फिल्ममेकर अपना काम लोगों तक क्यों नहीं पहुंचा पा रहे? ऐसा तो कश्मीर में भी नहीं हुआ। क्या हम मान लें कि कश्मीर की स्थिति बंगाल से बेहतर है? यही वजह है कि ‘द बंगाल फाइल्स’ जैसी फिल्मों की जरूरत है। मैं चाहती हूं कि देश का हर व्यक्ति यह फिल्म देखे और बंगाल की सच्चाई जाने।”

फिल्म 'डायरेक्ट एक्शन डे' की भयावहता पर आधारित

'द बंगाल फाइल्स' फिल्म 16 अगस्त 1946 के 'डायरेक्ट एक्शन डे' की ऐतिहासिक घटना पर आधारित है, जब ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग को लेकर हड़ताल का आह्वान किया था।

फिल्म का ट्रेलर इतिहास और वर्तमान को जोड़ता है और बंगाल के रक्तरंजित राजनीतिक अतीत को दिखाता है। शुरुआत में डाइनिंग टेबल पर बैठे बच्चे से नाम पूछने का सीन है, जिसके बाद कहानी 1946 और वर्तमान बंगाल के द्वंद्व की ओर बढ़ती है। रक्तरंजित गलियां, धर्मांध भीड़ और एक-दूसरे के खिलाफ खड़े समुदायों की झलक साफ नजर आती है। इसमें जिन्ना और महात्मा गांधी के बीच हुई बातचीत के अंश भी शामिल हैं।

ट्रेलर लॉन्च इवेंट में विवेक अग्निहोत्री ने कहा, “‘द बंगाल फाइल्स’ एक चेतावनी है, एक हुंकार कि हम बंगाल को दूसरा कश्मीर नहीं बनने देंगे। हिंदू नरसंहार की अनकही कहानी को प्रामाणिकता के साथ दिखाने के लिए हमने कोलकाता को ट्रेलर लॉन्च की जगह चुना। देश को तैयार रहना चाहिए क्योंकि अगर कश्मीर ने आपको चोट पहुंचाई, तो बंगाल आपको परेशान करेगा।”

फिल्म के कलाकार मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, “इस फिल्म में वह सब है जिसकी दर्शकों ने कभी उम्मीद नहीं की थी। सिनेमा का असली उद्देश्य बदलाव लाना है और यह फिल्म वही करेगी। मैं इस किरदार के जरिए लोगों के और करीब पहुंचा हूं।”

फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, अनुपम खेर और दर्शन कुमार जैसे कलाकार हैं। यह फिल्म 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।