केरल कांग्रेस ने अपने दावे का अभिनेत्री प्रीति जिंटा द्वारा खंडन किए जाने को लेकर सबूत मांगे हैं। केरल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रीति जिंटा ने अपना सोशल मीडिया अकाउंट भाजपा को सौंप दिया था, जिसके बदले में उनका ₹18 करोड़ का लोन माफ कर दिया गया। प्रीति जिंटा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे "कोरी अफवाह" और "फेक न्यूज" करार दिया।
अभिनेत्री ने इस दावे को खारिज करते हुए लिखा, "यह पूरी तरह से बकवास और झूठी खबर है। मैंने एक दशक पहले अपना लोन चुका दिया था।" उन्होंने केरल कांग्रेस पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया और इसे "क्लिकबेट" करार दिया। प्रीति जिंटा ने कहा कि मैं खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स चलाती हूं और आपको फेक न्यूज फैलाने के लिए शर्म आनी चाहिए! किसी ने मेरे लिए कोई लोन माफ नहीं किया।
केरल कांग्रेस ने प्रीति जिंटा से सबूत मांगते हुए कई बातें उजागर की
केरल कांग्रेस ने अभिनेत्री के जवाब के बाद एक एक्स पर एक और लंबा पोस्ट लिखा जिसमें उसने प्रीति जिंटा से उनके दावे को लेकर सबूत मांगे। पोस्ट में लिखा, अच्छा लगा यह जानकर कि आप खुद अपना सोशल मीडिया अकाउंट संभाल रही हैं, न कि अन्य सेलेब्रिटीज की तरह जिन्होंने इसे बदनाम आईटी सेल को सौंप दिया है। आपके लोन से जुड़ी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए आपको धन्यवाद। यदि हमने कोई गलती की है, तो हम उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
15 फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय अनियमितताओं के चलते न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया। जिससे ग्राहकों को उनके पैसे मिलने में दिक्कत हुई। ऐसी खबरें सामने आई थीं कि बैंक ने नियमों का पालन किए बिना कुछ लोगों को बड़ा कर्ज दिया था और उनके कर्ज भी माफ कर दिए थे। बताया गया कि इस सूची में अभिनेत्री प्रीति जिंटा का भी नाम था।
इसके बाद, केरल कांग्रेस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें दावा किया गया कि बैंक द्वारा कई लोगों के साथ-साथ प्रीति जिंटा का ₹18 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया गया। पोस्ट में लिखा था, "जमाकर्ता अपनी बचत के लिए सड़कों पर हैं, लेकिन कुछ लोगों का कर्ज माफ कर दिया गया।"
पत्रकार सुचेता दलाल पर भड़कीं प्रीति
इस विवाद के बीच, प्रीति जिंटा ने वरिष्ठ पत्रकार और मनीलाइफ की संस्थापक सुचेता दलाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कई प्रतिष्ठित पत्रकार बिना जांच-पड़ताल के झूठी खबरें फैलाते हैं और अपनी गलतियों को स्वीकार करने की भी जहमत नहीं उठाते।
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "मैंने अपनी साख बचाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाइयाँ लड़ी हैं, जिनमें बहुत पैसा और समय खर्च हुआ। अब वक्त आ गया है कि गैर-जिम्मेदाराना पत्रकारिता को रोका जाए। मैं अब उन सभी पत्रकारों के नाम उजागर करूंगी, जो बिना किसी जांच के गलत खबरें लिखते हैं।"
सुचेता दलाल को टैग करते हुए उन्होंने लिखा, "अगर आप मेरी प्रतिष्ठा की परवाह नहीं करते, तो मुझे भी आपकी साख की कोई चिंता नहीं। अगली बार मेरा नाम लेने से पहले मुझसे सच जान लेना।"