मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत और मशहूर गीतकार जावेद अख्तर के बीच चल रहा पांच साल पुराना कानूनी विवाद आखिरकार समाप्त हो गया है। यह मामला 2020 में जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे से शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कंगना ने एक साक्षात्कार के दौरान उन पर ऋतिक रोशन से माफी मांगने का दबाव डालने का झूठा आरोप लगाया था। लंबे समय तक चली अदालती कार्यवाही के बाद, दोनों ने मध्यस्थता के जरिए मामले को सुलझाने का फैसला किया।
विवाद की शुरुआत और कानूनी लड़ाई
यह विवाद 2016 में शुरू हुआ, जब कंगना रनौत ने दावा किया कि जावेद अख्तर ने उन्हें ऋतिक रोशन से माफी मांगने के लिए मजबूर किया था। 2020 में, जब सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद और दबाव की चर्चा जोरों पर थी, कंगना ने एक साक्षात्कार में अख्तर पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अख्तर ने उन्हें अपने घर बुलाकर धमकी दी थी कि यदि वह माफी नहीं मांगतीं, तो उनका करियर खत्म हो सकता है।
इन आरोपों के बाद, जावेद अख्तर ने मुंबई की अदालत में कंगना के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया, जिसमें कहा गया कि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठे आरोप लगाए गए। जवाब में, कंगना ने भी अख्तर के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर दबाव और धमकी देने का आरोप लगाया गया।
अदालत में सुनवाई और अंतिम समझौता
मामले की कई बार सुनवाई हुई, लेकिन कंगना रनौत बार-बार अदालत में पेश नहीं हुईं। 2024 की शुरुआत में, मुंबई की अदालत ने उन्हें चेतावनी जारी की और अख्तर की कानूनी टीम ने गैर-जमानती वारंट की मांग की। हालांकि, मामले को आगे बढ़ाने के बजाय, दोनों पक्षों ने मध्यस्थता के माध्यम से विवाद को सुलझाने का निर्णय लिया।
सुलह के बाद भविष्य की योजनाएं
समझौते के बाद, कंगना रनौत ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह जावेद अख्तर के साथ मुस्कुराती हुई नजर आ रही हैं। उन्होंने खुलासा किया कि अख्तर ने उनकी आगामी निर्देशित फिल्म के लिए गीत लिखने पर सहमति जताई है। उन्होंने मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान अख्तर के सहयोग और सकारात्मक रवैये की सराहना की।
इस विवाद की शुरुआत कानूनी लड़ाई के रूप में हुई थी, लेकिन इसका अंत पेशेवर सहयोग और सौहार्दपूर्ण सुलह के रूप में हुआ। दोनों कलाकार अब बिना किसी कटुता के आगे बढ़ चुके हैं, जिससे यह मामला बॉलीवुड की सबसे चर्चित कानूनी विवादों में से एक के सौहार्दपूर्ण समाधान के रूप में समाप्त हुआ।