गुजरे वक्त के स्टार धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि उनके बेटे बॉबी देओल सोल्जर फिल्म करें। बात 90 के दशक की है। बॉबी देओल बॉलीवुड के नए चेहरों में से एक थे। 1995 में बरसात फिल्म उन्होंने अपना करियर शुरू किया था। इस फिल्म के बाद बॉबी लाइम लाइट में आए लेकिन अब्बास मस्तान की जोड़ी ने उनके करियर को पंख देने का काम किया ‘सोल्जर’ से।
1998 में रिलीज हुई जिस ‘सोल्जर’ ने बॉबी देओल को स्टार बनाया, पिता धर्मेंद्र ने उन्हें करने से मना कर दिया था। इसका खुलासा निर्देशक अब्बास मस्तान ने एक इंटरव्यू में किया है। हाल ही में रेडिया नशा ऑफिशियल (Radio Nasha Official) से बातचीत में अब्बास मस्तान ने इसका खुलासा किया कि सोल्जर फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले धर्मेंद्र ने उन्हें घर बुलाया और कहानी सुनाने को कहा।
अब्बास मस्तान बताते हैं कि बॉबी देओल ने बहुत उत्साह के साथ सोल्जर फिल्म साइन की। धर्मेंद्र जी ने हमें घर बुलाया और कहा, ‘मेरा बेटा न्यूकमर है इसकी पहली फिल्म आ चुकी है। आप लोग सोल्जर डायरेक्ट कर रहे हैं पर इसकी कहानी मैं सुनूंगा। निर्देशक जोड़ी आगे बताते हैं कि फिल्म की कहानी सुनाने के दौरान एक सीन के बारे में बताते हैं जिसको सुनकर धर्मेंद्र अचानक खड़े हो जाते हैं और बॉबी को फिल्म करने से मना कर देते हैं।
वह सीन क्या था? अब्बास मस्तान कहते हैं कि फिल्म में एक सीन आता है जब बॉबी देओल का किरदार अपने पिता की गोली मारकर हत्या कर देता है। यह सीन सुनते ही धर्मेंद्र खड़े हो जाते हैं और कहते हैं- ‘मेरा बेटा यह रोल नहीं करेगा जहां वह अपने पिता को ही मार देता है।’
धर्मेंद्र की इस प्रतिक्रिया से बॉबी और अब्बास मस्तान, सब परेशान हो जाते हैं। अब्बास मस्तान कहते हैं कि धर्मेंद्र को पूरी कहानी सुनने के लिए आग्रह किया। क्योंकि कहानी में कई सारे ट्विस्ट थे। वे तैयार हो गए। पूरी कहानी सुनने के बाद धर्मेंद्र ने कहा, क्या बेहतरीन फिल्म बनेगी।
सोल्जर बॉबी देओल और प्रीति जिंटा की एक्शन थ्रिलर थी जो रिलीज के बाद बड़ी हिट साबित हुई। इस फिल्म में बॉबी के लहराते बाल और यादगार गानों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। 1988 में ही शाहरुख खान की कुछ कुछ होता है भी रिलीज हुई थी। शाहरुख की इस फिल्म के बाद बॉबी की सोल्जर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। यह बॉबी देओल की करियर की सबसे सफल फिल्म मानी जाती है।