बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान का बंगला 'मन्नत' मरम्मत को लेकर विवादों में है। दरअसल, बीते दिनों कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि मन्नत में दो फ्लोर्स और बनाए जाएंगे। गौरी खान ने इसके लिए महाराष्ट्र कोस्टल मैनेजमेंट अथॉरिटी से इसकी परमिशन ले ली है। वहीं, अब कहा जा रहा कि मन्नत के रिनोवेशन प्लान सही नहीं है। ऐसे में एक कार्यकर्ता ने इस रिनोवेशन प्लान में उल्लंघन का आरोप लगाया है, और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

NGT ने की मन्नत का मरम्मत रुकवाने की मांग 

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मन्नत के नवीनीकरण में नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) से इस काम को रुकवाने की मांग की है। रिपोर्ट के मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने NGT में याचिका दायर कर शाहरुख खान और महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (MCZMA) पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, संतोष दौंडकर का दावा है कि मन्नत को मरम्मत और विस्तार की मंजूरी देने के लिए जरूरी कोस्टल रेगुलेशन जोन से इजाजत नहीं ली गई है और सुपरस्टार ने इन नियमों का उल्लंघन किया है। मन्नत एक ग्रेड-III विरासत संरचना है, जिसका मतलब है कि इसमें किसी भी तरह का रेनोवेशन या निर्माण कार्य करने से पहले उचित अनुमति लेनी जरूरी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि शाहरुख खान अपने छह मंजिला बंगले में दो और मंजिलें जोड़ने की योजना बना रहे हैं। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि शाहरुख खान ने कथित रूप से 12 एक-बेडरूम वाले फ्लैटों को मिलाकर इसे अपने निजी बंगले में बदल दिया।

एनजीटी ने आरोपों के समर्थन में मांगा सबूत

एनजीटी ने अब दौंडकर से अपने आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत पेश करने को कहा है। न्यायिक सदस्य दिनेश कुमार सिंह और विशेषज्ञ सदस्य विजय कुलकर्णी की पीठ ने कहा, "यदि इस परियोजना में कोई नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो याचिकाकर्ता को चार हफ्तों के भीतर इसका प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो इस अपील को स्वीकृति के स्तर पर ही खारिज कर दिया जाएगा।" जानकारी के मुताबिक, एनजीटी इस मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को करेगा।