मुंबईः कंगना रनौत की हालिया रिलीज फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लंदन में विरोध का सामना करना पड़ा है। ब्रिटेन के कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए ब्रिटेन की गृह सचिव से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
लंदन में दर्शकों को धमकाया गया
रविवार को हारो के व्यू सिनेमा में फिल्म की स्क्रीनिंग चल रही थी। ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में बताया कि “30-40 मिनट के भीतर मास्क पहने खालिस्तानी प्रदर्शनकारी सिनेमा हॉल में घुसे, दर्शकों को धमकी दी और स्क्रीनिंग को बंद करवा दिया।”
उन्होंने कहा, यह घटना सिर्फ लंदन तक सीमित नहीं रही। वूल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर में भी फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान इसी तरह के हंगामे हुए। इस विरोध के चलते Vue और Cineworld जैसे प्रमुख सिनेमा चेन ने इमरजेंसी को कई थिएटरों से हटा दिया है।
I raised the horrific intimidation of my constituents and many others, as Pro-Khalistan thugs disrupted screenings of the new “Emergency” film in cinemas.
Some cinemas have even pulled the film in fear of more disruption.
We must stand up to anyone trying to silence free speech pic.twitter.com/OSgFlVk9Xn
— Bob Blackman (@BobBlackman) January 23, 2025
कंटेंट को लेकर विवाद हो सकता है, देखने का फैसला दर्शकों का होना चाहिएः ब्लैकमैन
ब्लैकमैन ने कहा कि फिल्म इमरजेंसी के कंटेंट को लेकर विवाद हो सकता है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके क्षेत्र के लोगों को इसे देखने और खुद निर्णय लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा, “यह फिल्म भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल पर आधारित है। इसे देखना या न देखना दर्शकों का फैसला होना चाहिए, न कि धमकियों के आधार पर इसे रोका जाए।”
सांसद ने ब्रिटेन के गृह सचिव से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि जिन फिल्मों को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिली है, उन्हें शांति और सौहार्द्रपूर्ण माहौल में देखा जा सके।
लेबर पार्टी की नेता लूसी पॉवेल ने ब्लैकमैन के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार के बीच संतुलन से जुड़ा है। उन्होंने संसद को आश्वस्त किया कि इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
कुछ सिख संगठनों ने इमरजेंसी को “एंटी-सिख” करार दिया है
ब्रिटेन के सिनेमा हॉल में इमरजेंसी 17 जनवरी को रिलीजहुई थी। यह फिल्म भारत में 1975-77 के दौरान लागू आपातकाल पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन कंगना रनौत ने किया है, जिन्होंने इसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। ब्रिटेन के कुछ सिख संगठनों ने फिल्म को “एंटी-सिख” करार दिया है।
सिख प्रेस एसोसिएशन ने सोशल मीडिया पर फिल्म का विरोध करते हुए कहा कि यह उनके समुदाय के खिलाफ है। इस विरोध के कारण बर्मिंघम और वूल्वरहैम्पटन में कई स्क्रीनिंग रद्द कर दी गईं। सामुदायिक संगठन Insight UK ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया था जिसमें मास्क पहने प्रदर्शनकारी लंदन में फिल्म की स्क्रीनिंग को बाधित करते दिखाई दिए थे।
ब्रिटेन के अलावा, इमरजेंसी को भारत के पंजाब में भी विरोध झेलना पड़ा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि “यह कला और कलाकारों का उत्पीड़न है। पंजाब के कई शहरों से खबरें आ रही हैं कि लोग मेरी फिल्म को प्रदर्शित नहीं होने दे रहे हैं। मैं सिख धर्म का बहुत सम्मान करती हूं और यह विरोध मेरी छवि को खराब करने का प्रयास है।”