ढाका: बांग्लादेश की चर्चित अभिनेत्री पोरी मोनी स्थानीय संगठनों के विरोध के बाद रद्द हुए अपने एक कार्यक्रम को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर अपनी आवाज उठाने के लिए उन्हें जेल जाना पड़ता है तो वे इसके लिए भी तैयार हैं। बांग्लादेश के तंगेल (Tangail) में एक शोरूम के उद्घाटन में रविवार को पोरी मोनी को शामिल होना था।
हालांकि, हिफाजत-ए- इस्लाम सहित कुछ और संगठनों के विरोध के बाद कार्यक्रम को टाल दिया गया। इसके बाद शनिवार रात को अभिनेत्री ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी नाराजगी जताई थी। बाद में उन्होंने मीडिया में भी इस घटनाक्रम को लेकर प्रतिक्रिया दी। दूसरी ओर अभिनेत्री को अपने खिलाफ एक अन्य मामले में जारी अरेस्ट वॉरेंट के बाद कोर्ट में सोमवार को सरेंडर कर दिया। इसके बाद उन्हें जमानत मिल गई।
‘जिसे चुप रहना है…चुप रहे, मुझे बोलना है’
बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट डेली स्टार डॉट नेट के अनुसार पोरी मोनी ने कहा अगर फेसबुक पर अपनी राय व्यक्त करने या इस अन्याय का विरोध करने के लिए मेरे खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होता है, तो यह बहुत पीड़ादायक बात होगी। उन्होंने कहा, ‘अगर लोग अपने मन की बात नहीं कह सकते तो वे कैसे जी सकते हैं? जो लोग चुप रहना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन जो लोग बोलना चाहते हैं उन्हें बोलने दिया जाना चाहिए। चूंकि यह मामला अदालत से जुड़ा है, इसलिए मैं कानूनी तौर पर आगे बढ़ूंगी। मेरे वकील सब कुछ संभाल रहे हैं।’
पोरी मोनी को जिस शोरूम के उद्घाटन में शामिल होना था, उससे जुड़े मीर मसूद राणा ने भी कार्यक्रम को रद्द किए जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को रविवार के लिए निर्धारित किया गया था। उन्होंने बताया, ‘हम कई दिनों से इस कार्यक्रम का प्रचार कर रहे थे। हालांकि, गुरुवार (23 जनवरी) की रात, शरीफुल इस्लाम नाम के एक व्यक्ति ने फोन किया और हमसे कहा कि वे पोरी मोनी के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देंगे।’
मीर मसूद राणा के अनुसार, ‘शुक्रवार (24 जनवरी) की सुबह, मुफ्ती सुलेमान, मुफ्ती सुरुज्जमान और 30 से 40 अन्य लोगों ने फोन करके धमकी दी कि वे उन्हें (पोरी मोनी) उपस्थित नहीं होने देंगे। उन्होंने अभिनेत्री के बारे बारे में अभद्र टिप्पणी भी की। शुक्रवार की नमाज के बाद, उन्होंने विरोध करने की योजना की घोषणा की और परिणामस्वरूप, हमें कार्यक्रम रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा, फिर भी पोरी मोनी को देखने की उम्मीद में कई लोग आए।’
पोरी मोनी को कोर्ट से मिली जमानत
शोरूम के उद्घाटन कार्यक्रम के रद्द होने के विवाद के बीच बांग्लादेश की अभिनेत्री पोरी मोनी को बिजनेसमैन नासिर उद्दीन महमूद की ओर से दायर केस में आत्मसमर्पण करने के बाद जमानत मिल गई। ढाका की एक कोर्ट ने सोमवार को पोरी मोनी को जमानत दी। नासिर उद्दीन ने अभिनेत्री के खिलाफ दायर मामले में उन पर जनलेवा हमला, बर्बरता और धमकी देने का आरोप लगाया गया है।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहम्मद जुनैद ने अभिनेत्री पोरी मोनी के आवेदन के बाद जमानत आदेश जारी किया। पोरी मोनी सुबह 10 बजे अदालत में उपस्थित हुईं और सरेंडर किया। इसके बाद उनके वकील ने जमानत के लिए अर्जी दी। जज ने 1,000 टका (बांग्लादेशी मुद्रा) के मुचलके पर अभिनेत्री को जमानत दी।
इससे पहले इसी अदालत ने पोरी मोनी और उनकी कॉस्ट्यूम डिजाइनर जुनैद बोगदादी जिमी के खिलाफ मामले में मुकदमा शुरू करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। नासिर उद्दीन ने 6 जुलाई 2022 को मोनी के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
बांग्लादेश की इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भी हैरान!
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रोनी मोनी का जिस तरह से विरोध हुआ है, उससे बांग्लादेश की शोबिज इंडस्ट्री भी हैरान है। कई और लोगों ने भी चरमपंथियों के ऐसे कृत्यों के बारे में सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त की है।
वहीं, पोरी ने फेसबुक पर लिखा, ‘कोई इस तरह चुप कैसे रह सकता है? यह दमनकारी लगता है। कलाकारों को इतनी बाधाओं का सामना क्यों करना चाहिए? मैं असुरक्षित महसूस कर रही हूं! हम इतने स्वतंत्र देश में सुरक्षित क्यों नहीं हैं? महजबीन, पोर्शी, और दूसरों को भी पहले इस तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है! वे धर्म की आड़ में क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं?’
उन्होंने आगे लिखा, ‘और क्या कहना है…क्या हमें इस देश में सिनेमा और मनोरंजन को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए? तो, क्या हमें यह मान लेना चाहिए कि उस समय हमें भावनात्मक रूप से बरगलाया गया था? या अब हमें बरगलाया जा रहा है? यह क्या है? यह जिम्मेदारी हम सभी की बनती है हम सभी को इसे सहन करना होगा।’