अमर सिंह चमकीला की चर्चा इन दोनों खूब हो रही है। वजह है इस पंजाबी गायक के जीवन पर आई फिल्म, जिसका निर्देशन इम्तियास अली ने किया है। दलित समुदाय से आने वाले इस गायक की लोकप्रियता एक समय ऐसी थी कि इसे पंजाब का एल्विस प्रेस्ली कहा जाने लगा था। चमकीला चमकते जा रहे थे लेकिन इस बीच 1988 का वो मनहूस दिन आया जब एक शो से ठीक पहले गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। इस हमले में अमर सिंह चमकीला की पत्नी अमरजोत और दो अन्य साथी भी मारे गए। वो हत्या किसने कराई थी…ये पहले आज भी अनसुलझी है। आईए आपको बताते हैं कि लुधियाना के गांव से निकला धन्नीराम कैसे अमर सिहं चमकीला बना, किसने उनकी हत्या कराई और उनकी हत्या के आखिरी दिन क्या कुछ हुआ?
दलित परिवार में जन्में, म्यूजिक से था लगाव
अमर सिंह चमकीला का जन्म 21 जुलाई 1960 को लुधियाना के एक गांव डुगरी के एक दलित परिवार में हुआ था। इनका असल नाम धन्नीराम था। गायकी में लोकप्रियता मिलने के बाद लोग उन्हें अमर सिंह चमकीला के नाम से जानने लगे। बचपन में ही बेहद गरीबी देखने वाले धन्नीराम ने कम उम्र में ही पढ़ाई छोड़कर पैसे कमाने शुरू कर दिए। एक कपड़ा मिल में उन्हें काम मिल गया। म्यूजिक से हालांकि उनका लगाव शुरू से थे। इसलिए जब भी काम से फुर्सत मिलती तो वे गुनगुनाया करते थे।
गांव और इसके आसपास की हो रही घटनाओं पर गाने भी लिखने लगे। गांव के ही कुछ लोगों की संगत मिली तो हार्मोनियम और ढोलकी बजाना भी सीख लिया। उनकी पहली शादी बेहद कम उम्र में गुरमैल कौर से हुई थी। इनके चार बच्चे हुए। इसमें हालांकि दो बेटियां अमनदीप और कमलदीप ही बच सकीं।
बहरहाल, गायकी से बढ़ते लगाव के बीच अमर सिंह चमकीला की मुलाकात एक दिन सुरिंदर शिंदा से हुई। शिंदा उस समय के एक बेहद लोकप्रिय लोक कलाकार थे। चमकीला इनकी संगत में आए और उनके शिष्य बन गए। चमकीला ने इसके बाद कुछ सालों तक शिंदा के लिए कई गीत लिखे। उनके साथ ग्रुप में कई जगहों पर स्टेज शो के लिए गए। अमर सिंह चमकीला गाने लिखते थे और इसे स्टेज पर सुरिंदर गाते थे। कुछ मौकों पर सुरिंदर ने अमर सिंह चमकीला को भी स्टेज पर गाने का मौका दिया। हालांकि, इन सब काम के लिए अमर सिंह चमकीला को महीने के तनख्वाह के रूप में केवल 100 रुपये मिलते थे।
अमर सिंह चमकीला को जब मिलने लगी लोकप्रियता…
इन सबके बीच परिस्थितियां कुछ ऐसी बनी कि चमकीला ने अलग होकर खुद गाने और स्टेज शो करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी नई टीम बनाई और कभी सुरिंदर शिंद के ग्रुप की सिंगर रहीं सोनिया के साथ मिलकर स्टेज शो करने लगे। साल 1980 में अमर सिंह चमकीला और सोनिया का एल्बम ‘टकुए ते टाकुआ खड़के’ रिलीज हुआ। आठ गानों का यह एल्बम बेहद हिट रहा और अमर सिंह चमकीला-सोनिया के पास स्टेज शोज करने के कई ऑफर आने लगे।
अमर सिंह चमकीला और उनकी जोड़ीदार सोनिया दोनों के मैनेजर सोनिया के पति ही थे। दोनों की जोड़ी हिट हो रही थी लेकिन अमर सिंह चमकीला को लगा कि मैनेजर ज्यादा फीस सोनिया को दे रहे हैं। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ और यह जोड़ी टूट गई। इसके बाद कुछ समय के लिए अमर सिंह चमकीला ने सिंगर उषा किरण के साथ काम किया। इस बीच उनकी मुलाकात गायिका अमरजोत कौर से हुई, जो न केवल उनकी स्टेज साझीदार बनीं बल्कि आगे चलकर दोनों ने शादी भी कर ली।
अमर सिंह चमकीला ने गाए अश्लील गाने!
अमर सिंह चमकीका के गानों को लेकर यह विवाद उस दौर में खूब होता रहा। 1979 से 1988 तक, यह वो साल थे जब चमकीला ने पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज किया। उनके गाने ग्रामीण जीवनशैली, घरेलू हिंसा, पंजाब में बढ़ते ड्रग्स के इस्तेमाल, विवाहेतर संबंध, दहेज, शराब और पंजाबी मर्दानगी आदि पर टिप्पणी करते थे। कई गाने रिश्तों पर भी जो डबल मिनिंग होते थे। इसे लेकर आलोचनाएं भी होती थीं और शादियों जैसे कार्यक्रम में ऐसे ही गाने का फॉर्मूला हिट भी था, इसलिए उनकी डिमांड भी बनी रही।
वैसे ये भी कहा जाता है कि जब चमकीला को उनके अश्लील गानों के लिए धमकियां मिलने लगी तो उन्होंने स्थानीय मिलिटेंट के एक गुट से माफी भी मांगी थी और कहा था कि अब वे अश्लील गाने नहीं लिखेंगे। इसके बाद उन्होंने कुछ धार्मिक गाने भी गाए। हालांकि शादियों में काफी फरमाइश के बाद वे अपने पुराने डबल मीनिंग कभी-कभी गाते थे…जो उनकी खास पहचान बन चुके थे।
शो से ठीक पहले अमर सिंह चमकीला की हुई हत्या
8 मई साल, 1988…अमर सिंह चमकीला को पंजाब के जालंधर के मोहसामपुर गांव में दोपहर में एक स्टेज शो करना था। इस शो के लिए तय स्थल पर चमकीला अपनी पत्नी अमरजोत सहित पूरी टीम के साथ पहुंचे। हालांकि जैसे ही अमर सिंह चमकीला अपनी उजली एंबेसडर कार से उतरे…फायरिंग शुरू हो गई। तीन हमलावर एक मोटरसाइकल पर सवार थे। तीनों ने घटना को अंजाम दिया और वहां से फरार हो गए। इस घटना में चमकीला, उनकी पत्नी अमरजोत और इनके ग्रुप के दो साथी भी मारे गए। इस तरह 27 साल की उम्र में चमकीला इस दुनिया से चले गए। इस मामले में कोई आरोपी आज तक नहीं पकड़ा जा सका है और हत्या की ये गुत्थी अभी तक अनसुलझी है।
ये हत्या किसने कराई, इसे लेकर कई तरह की थ्योरी हैं लेकिन स्पष्ट कुछ भी नहीं है। कुछ मानते हैं कि चमकीला और उनकी पत्नी की हत्या आतंकियों ने की। कई लोग कहते हैं कि अश्लील लिरिक्स के चलते खलिस्तानियों ने उनकी हत्या कर दी। वहीं, एक थ्योरी ये भी है कि चूकी अमर सिंह चमकीला दलित थे और उनकी पत्नी अमरजोत अगड़ी जाति से थी, इसलिए कई लोग इससे नाराज थे। वैसे ये भी सच है कि मौत के बाद भी अमरजोत के परिवार ने उनका शव नहीं लिया। यहां तक कि अमर सिंह चमकीला और अमरजोत के बेटे का भी पालन-पोषण सिंगर की पहली पत्नी ने किया। ऐसा भी कहा जाता है कि उनकी लोकप्रियता से पंजाब में कई सिंगर्स तब चिढ़ने लगे थे और उनकी डिमांड कम होने लगी थी।