अमरावती: अभिनेत्री कादंबरी जेठवानी द्वारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों की शुरुआती जांच के बाद तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। अभिनेत्री द्वारा पुलिस शिकायत के बाद अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है।
आरोप के अनुसार, सरकारी अधिकारी पी. सीतारमा अंजनेयुलु, क्रांति राणा टाटा और विशाल गुन्नी ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है। इन लोगों पर अभिनेत्री और उनके घर वालों को भी परेशान करने के आरोप लगे हैं।
कादंबरी जेठवानी हिंदी समेत कन्नड़, तेलुगु, मलयालम और पंजाबी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। अभिनेत्री ने अपनी शिकायत में कहा है कि इन अधिकारियों ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक नेता और फिल्म निर्माता के कहने पर उन्हें और उनके घर वालों को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न दिया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा इसकी गहन जांच की जा रही है।
जालसाजी और जबरन वसूली का अभिनेत्री पर लगे हैं आरोप
कादंबरी जेठवानी ने आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता ने उन पर जालसाजी और जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ इस तरह से कार्रवाई करवाई थी।
अभिनेत्री ने दावा किया है कि उनके द्वारा मुंबई में फिल्म निर्माता के खिलाफ एक मामला दर्ज करने पर बदले की भावना से उन पर फिल्म निर्माता द्वारा ये आरोप लगाए गए हैं। आरोप के तहत फिल्म निर्माता ने अधिकारियों के साथ मिलकर बिना किसी मुकदमे और उचित प्रक्रियाओं को पालन नहीं करते हुए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
बिना किसी एफआईआर के मुझे किया गया गिरफ्तार-अभिनेत्री
रिपोर्टों के अनुसार, इसी साल जनवरी में एक अधिकारी ने औपचारिक अपराध दर्ज होने से पहले गिरफ्तारी के मौखिक आदेश दिए थे। जबकि दूसरे अधिकारी ने इन निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज होने से पहले ही जेठवानी को गिरफ्तार भी किया था।
जेठवानी द्वारा आंध्र प्रदेश पुलिस से औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के बाद निलंबन की जांच शुरू की गई है। अभिनेत्री ने यह भी आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता और पुलिस द्वारा केस को वापस लेने का भी उन पर दबाव बनाया गया था।
अभिनेत्री का बयान 30 अगस्त 2024 को विजयवाड़ा में दर्ज किया गया था। अधिकारिओं पर नियमों को ताक पर रखकर अभिनेत्री और उनके घर वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आरोप लगे हैं।