मुंबई: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय कुमार वर्मा को राज्य का नया पुलिस प्रमुख नियुक्त किया है। वर्मा वर्तमान में पुलिस महानिदेशक (कानूनी और तकनीकी विभाग) के पद पर कार्यरत हैं और अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त होंगे। उन्हें रश्मि शुक्ला की जगह नियुक्त किया गया है, जिन्हें विपक्षी दलों की आलोचनाओं के बाद एक महीने के अनिवार्य अवकाश पर भेजा गया है।
चुनाव आयोग के सचिव एस के दास ने राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा, “मुझे आयोग के निर्देशानुसार यह सूचित करना है कि आयोग ने पैनल पर विचार किया और महाराष्ट्र में डीजीपी पद के लिए संजय कुमार वर्मा, आईपीएस (MH:1990) के नाम को मंजूरी दी है।”
कौन हैं आईपीएस संजय वर्मा?
संजय वर्मा ने पहले कोल्हापुर रेंज में इंस्पेक्टर जनरल और महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) में मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के रूप में चार वर्षों तक कार्य किया है। प्रमोशन के बाद उन्हें डीजी कानूनी और तकनीकी विभाग में नियुक्त किया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि वर्मा चुनाव तक इस पद पर रहेंगे। चुनावों के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार तय करेगी कि उन्हें पद पर बनाए रखा जाएगा या रश्मि शुक्ला को पुनः डीजीपी के पद पर लाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, यदि महायुति सरकार सत्ता में आती है, तो शुक्ला की वापसी की संभावना है, जबकि यदि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सत्ता में आती है, तो वर्मा को पद पर बनाए रखा जा सकता है।
रश्मि शुक्ला के खिलाफ विपक्ष ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत
गौरतलब है कि रश्मि शुक्ला का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा है, जिसमें कई नेताओं के फोन टैपिंग से जुड़े तीन एफआईआर भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने शुरू में शुक्ला को सीधे हटाने के बजाय छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया। यह फैसला कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के दबाव के बाद लिया गया है। महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने चुनाव आयोग को तीन आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल सौंपा था, जिसमें मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर, संजय वर्मा और ऋतेश कुमार का नाम शामिल था।
IPS Sanjay Kumar Verma has been appointed as the new Director General of Police of Maharashtra pic.twitter.com/tTBo28f7B7
— IANS (@ians_india) November 5, 2024
हाल ही में, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया था कि शुक्ला ने नए सिरे से फोन टैपिंग का आदेश दिया था। शुक्ला, जो राज्य खुफिया विभाग की कमिश्नर रह चुकी हैं, अपने इस पूर्व कार्यकाल के कारण पहले भी विवादों में रहीं और बाद में उन्हें सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक के रूप में केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था।
पिछले हफ्ते, पटोले और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्ला पर नए आरोप लगाए, जिसके बाद एनसीपी (शरद पवार) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ विपक्षी दलों का एक साथ आना दुर्लभ है।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरान चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त राजीव कुमार ने महाराष्ट्र में राजनीतिक अपराधों पर चिंता जताई थी। उन्होंने शुक्ला को निर्देश दिया था कि ऐसे अपराधों पर सख्ती से अंकुश लगाया जाए ताकि चुनावी माहौल में कोई बाधा न उत्पन्न हो और सभी को एक समान अवसर मिल सके।
2009 में भी ऐसा ही सामने आया था मामला
यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में इस तरह का कदम उठाया है। 2009 में, तत्कालीन डीजीपी एएन रॉय को चुनाव के दौरान विवादों के कारण पद छोड़ने के लिए कहा गया था, और उनकी जगह आईपीएस अधिकारी एस चक्रवर्ती को अस्थायी डीजीपी नियुक्त किया गया था।