Monday, November 3, 2025
Homeकारोबारअनिल अंबानी को बड़ा झटका, ईडी ने 3,084 करोड़ की 40 संपत्तियां...

अनिल अंबानी को बड़ा झटका, ईडी ने 3,084 करोड़ की 40 संपत्तियां जब्त कीं

ईडी ने इन आवासीय, वाणिज्यिक और भूमि संपत्तियों को 31 अक्टूबर को जारी आदेशों के बाद धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 5(1) के तहत अटैच किया। एजेंसी का कहना है कि वह अभी भी अपराध से अर्जित संपत्तियों का पता लगाने और जब्ती की प्रक्रिया जारी रखे हुए है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी अनिल अंबानी और उनके समूह की कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने कथित ऋण धोखाधड़ी के मामले में उनके समूह की कंपनियों से जुड़ी लगभग 3,084 करोड़ रुपये की 40 संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। इनमें मुंबई के पाली हिल स्थित अनिल अंबानी के एक घर से लेकर दिल्ली के रिलायंस सेंटर और देशभर में फैली अन्य संपत्तियां शामिल हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में की गई है।

ईडी ने इन आवासीय, वाणिज्यिक और भूमि संपत्तियों को 31 अक्टूबर को जारी आदेशों के बाद धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 5(1) के तहत अटैच किया। एजेंसी का कहना है कि वह अभी भी अपराध से अर्जित संपत्तियों का पता लगाने और जब्ती की प्रक्रिया जारी रखे हुए है। ईडी के प्रवक्ता ने कहा, “हमारी रिकवरी से अंततः जनता का ही लाभ होगा।”

यह कार्रवाई रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) से जुड़े धन के दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के मामले में की गई। ईडी के मुताबिक, 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ का निवेश किया था। दिसंबर 2019 तक ये निवेश एनपीए बन गए, जिनमें आरएचएफएल पर 1,353.50 करोड़ रुपये और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये बकाया था।

ई़डी की जांच में क्या बात सामने आई है?

ईडी की जांच में सामने आया कि रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड द्वारा अनिल अंबानी समूह की वित्तीय कंपनियों में सीधे निवेश करना सेबी के दिशानिर्देशों के तहत संभव नहीं था। लेकिन इन नियमों का उल्लंघन करते हुए जनता के पैसों को यस बैंक के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से इन कंपनियों में पहुंचाया गया।

एजेंसी ने बताया कि आरएचएफएल और आरसीएफएल ने समूह से जुड़ी कंपनियों को तेज़ी से लोन स्वीकृत किए। कई मामलों में आवेदन, मंजूरी और लोन जारी करने की प्रक्रिया एक ही दिन में पूरी कर दी गई, और कुछ मामलों में तो पैसा मंजूरी से पहले ही जारी कर दिया गया। ईडी ने व्यंग्य करते हुए कहा, यह तो तभी संभव है जब आवेदक टाइम ट्रेवल करके आए हों।

ईडी ने यह भी पाया कि फील्ड विजिट और व्यक्तिगत सत्यापन को दरकिनार किया गया। कई दस्तावेज खाली छोड़े गए, ओवरराइट या बिना तारीख के थे। कई उधार लेने वाली कंपनियां वित्तीय रूप से कमजोर थीं या उनका कारोबार लगभग बंद था। सिक्योरिटी अधूरी, अपंजीकृत या पूरी तरह गायब थी, और फंड का इस्तेमाल स्वीकृत उद्देश्य से मेल नहीं खाता था। ईडी ने कहा कि ये जानबूझकर और लगातार बरती गई लापरवाहीयां हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स और पीटीआई की रिपोर्टों के अनुसार, सीबीआई ने यस बैंक और अनिल अंबानी के रिलायंस समूह के बीच लेनदेन में फंड डायवर्जन और शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का जाल उजागर किया है। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि यह सब यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर और अनिल अंबानी के बीच आपराधिक साजिश का हिस्सा था, जिससे बैंक को 2,700 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ। ईडी इस मामले की समानांतर जांच कर रही है।

रिलायंस कम्युनिकेशंस की जांच में तेजी

ईडी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और अन्य संबंधित कंपनियों के खिलाफ लोन फ्रॉड की जांच भी तेज कर दी है। एजेंसी का आरोप है कि इन कंपनियों ने 13,600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का गलत इस्तेमाल किया, जिसमें 12,600 करोड़ रुपये जुड़ी हुई कंपनियों को ट्रांसफर किए गए और 1,800 करोड़ रुपये एफडी या म्यूचुअल फंड में निवेश कर बाद में समूह कंपनियों को भेज दिए गए।

ईडी का दावा है कि बिल डिस्काउंटिंग की प्रक्रिया का भी बड़े पैमाने पर दुरुपयोग कर धन को जोड़-तोड़ कर संबंधित कंपनियों तक पहुंचाया गया।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

प्रताप दीक्षित on कहानीः प्रायिकता का नियम
डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा