दिल्ली पुलिस ने रविवार, 19 अक्टूबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार समेत तीन पदाधिकारियों और जेएनयू के छह छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। यह एफआईआर वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन तक मार्च के बाद हुई पुलिस के साथ हुई झड़प के एक दिन बाद दर्ज की गई है। इस दौरान कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वहीं, पुलिस ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष समेत दो अन्य पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
यह मामला वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 221, 121(2), 132 और 3(5) के तहत दर्ज किया गया था।
JNUSU अध्यक्ष नितीश कुमार समेत 3 पदाधिकारी गिरफ्तार
पुलिस द्वारा जेएनयूएसयू (JNUSU) के तीन पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें अध्यक्ष नितीश कुमार, उपाध्यक्ष मनीषा, मुंतेहा फातिमा महासचिव हैं।
पुलिस ने कहा कि छह छात्रों को “बांध लिया” गया है। वहीं अन्य छात्रों को दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 65 के तहत हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने कहा कि उन्हें मेडिकल जांच के बाद विश्वविद्यालय अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
यह टकराव बीते हफ्ते शुरू हुए तनाव के बढ़ने का संकेत है। बीते गुरुवार, 16 अक्टूबर को जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में आम सभा की बैठक में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई। वामपंथी छात्र समूहों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया। एबीवीपी ने हालांकि दावा किया कि उसके सदस्यों पर शारीरिक हमला किया गया।
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इस घटना के बाद से जेएनयू (JNU) परिसर में सामाजिक न्याय के लिए सामाजिक मार्च के आह्वान वाले पोस्टर के लिए प्रचारित होने लगे। इनका आयोजन मुख्य रूप से वामपंथी समूहों द्वारा किया गया। इसके लिए #SOSJNU जैसे पोस्ट किए गए। यह मार्च वसंतु कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन तक आयोजित था। कुछ छात्र कथित तौर पर हमला करने वाले एबीवीपी सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
छात्रों ने क्या आरोप लगाया?
छात्रों ने आरोप लगाया कि कई शिकायतों के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने हालांकि कहा कि वे छात्र नेताओं के साथ लगातार संपर्क में रहे और उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने दावा किया था कि यूनियन ने पुलिस स्टेशन के घेराव के अपने आह्वान को वापस लेने से इंकार कर दिया।
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पुलिस के मुताबिक, शाम करीब 6 बजे, 70-80 छात्र जेएनयू के पश्चिमी द्वार पर इकट्ठा हुए जिसमें छात्राएं भी शामिल थीं। छात्रों की आवाजाही को रोकने के लिए नेल्सन मंडेला मार्ग की ओर बैरिकेड्स लगाए गए थे। पुलिस ने छात्रों के समूह पर पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
इस बीच वामपंथी छात्रों ने पुलिस पर बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। छात्रों ने दावा किया कि जिन छात्रों ने शिकायत दर्ज की थी, उन्हें ही हिरासत में लिया गया। छात्रों ने एक बयान जारी कर कहा कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के छात्रों की पिटाई की।