Homeभारतदिल्ली की पहली आंधी में ढह गया 100 फीट ऊंचा मोबाइल टावर,...

दिल्ली की पहली आंधी में ढह गया 100 फीट ऊंचा मोबाइल टावर, सफदरजंग एन्क्लेव के लोगों में भारी नाराजगी

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने करवट ली है। कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी के साथ तेज आंधी भी आई। इसके चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में से एक सफदरजंग एन्क्लेव में कुछ पेड़ टूट गए और यहां लगा एक 100 फीट लंबा मोबाइल टावर गिर गया। 

सफदरजंग एन्क्लेव के बी-2 ब्लॉक में 10-15 दिन पहले 100 फीट लंबा मोबाइल टावर लगाया गया था, लेकिन यह पहली आंधी में धराशायी हो गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त सड़क पर कोई मौजूद नहीं था।

हालांकि, घटना के बाद से स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। उनका कहना है कि आंधी के बाद जब टावर गिरा तो तेज आवाज हुई। अगर यह पोल दिन के समय गिरा होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। यहां से हजारों गाड़ियां रोजाना गुजरती हैं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि बिना उनकी अनुमति के यह टावर लगाया गया था, जिसका सभी ने विरोध किया। शुरुआत में बताया गया था कि स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही है, लेकिन बाद में यहां मोबाइल टावर स्थापित कर दिया गया। टावर गिरने से इलाके में कई पेड़ और बिजली की तारें क्षतिग्रस्त हो गईं।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि सुबह 9 बजे तक भी कोई अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा, न ही टावर को हटाने की कोई कोशिश की गई।

मोबाइल टावर गिरने के बाद मालवीय नगर से आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक सोमनाथ भारती मौके पर पहुंचे और लोगों से मुलाकात की। उन्होंने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में सभी विभाग भाजपा के अधीन हैं, फिर भी ऐसे हादसे हो रहे हैं।

सोमनाथ भारती ने कहा कि स्थानीय लोगों की आपत्ति के बावजूद यह टावर लगाया गया, जो लापरवाही का बड़ा उदाहरण है। भारती ने कहा, “स्थानीय लोगों की मंजूरी के बिना मोबाइल टावर लगाया गया, यह बहुत बड़ी लापरवाही है। सरकार को जवाब देना होगा।”

IANS
Indo-Asian News Service (IANS) भारत की एक निजी समाचार एजेंसी है। यह विभिन्न विषयों पर समाचार, विश्लेषण आदि प्रदान करती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version