नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार हुए जिस चलती हुंडई i20 कार में धमाका हुआ, उसे डॉ. उमर नबी भट चला रहा था। सूत्रों के हवाले से आई जानकारी के अनुसार डीएनए रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई है। यह विस्फोट सोमवार शाम 6.52 बजे हुआ था। इस बम धमाके में 12 लोगों की मौत हुई है। उमर फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रफेसर था।
सूत्रों ने बताया कि उसका डीएनए नमूना उसकी माँ और भाई के डीएनए से 100 प्रतिशत मेल खा चुका है। यह डीएनए उमर की हड्डियों, दांतों और कपड़ों के टुकड़ों से मेल खाता है जो विस्फोट के बाद आई20 में मिले थे।
पुलवामा के कोइल गाँव का निवासी उमर फरीदाबाद के धौज स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में कार्यरत था। उमर की माँ के डीएनए के नमूनों का मिलान विस्फोट स्थल से लोक नायक अस्पताल लाए गए अज्ञात शवों के नमूनों से किया गया। जब शव की शारीरिक रूप से पहचान में न हो पाए, तो जाँचकर्ता संदिग्धों या पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग का सहारा लेते हैं।
उमर की पहचान के लिए मां को लिया गया था हिरासत में
इससे पहले, उमर की माँ को डीएनए जाँच के लिए पुलवामा में हिरासत में लिया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘हम संदिग्ध की माँ को डीएनए नमूने लेने के लिए ले गए हैं ताकि विस्फोट स्थल पर मिले अंगों से उनका मिलान किया जा सके।’
इसके अलावा, विस्फोट के बाद सोमवार रात उमर की माँ और उसके दो भाइयों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार उमर नबी की मां और भाई के डीएनए नमूने एकत्र करके एम्स की फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजे गए, जहां उनका मिलान दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में रखे शवों के अवशेषों से किया गया। धमाके के बाद आई-20 कार के स्टीयरिंग के पास उसके पैर का एक टुकड़ा मिला था, जिसे वहां से बरामद किया गया था। बाद में, जांच अधिकारियों ने उसका मिलान उमर के डीएनए से किया। डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति उमर उन नबी ही था।
20 लाख….पैसों का विवाद
इस मामले में एक और खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल, डॉक्टर अदील और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपए इकट्ठा किए, जो उमर को सौंप दिए गए। उमर और मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर भी कुछ विवाद हुआ था।
बाद में उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से लगभग 3 लाख रुपए मूल्य का कई क्विंटल एनपीके उर्वरक खरीदा, जिसका इस्तेमाल आईईडी बनाने के लिए किया गया। सूत्रों ने यह भी बताया है कि इस ग्रुप में 2 से 4 सदस्यों के लिए उमर ने सिग्नल ऐप भी बनाया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाल किला के नजदीक धमाका करने से पहले आतंकी उमर एक मस्जिद में भी गया था। वह वहां करीब 10 मिनट से ज्यादा वक्त तक रुका था, जिसके बाद लाल किले की तरफ चला गया। 10 नवंबर की शाम करीब 7 बजे उमर ने अपने समेत पूरी गाड़ी को उड़ा दिया।
हालांकि, अभी भी इस बात की जांच की जा रही है कि धमका जानबूझकर कराया गया या हड़बड़ी में गलती से हुआ।
उमर की एक और कार भी पकड़ी गई
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने बुधवार को एक और अलर्ट जारी किया, जब पता चला कि उमर के पास अपनी हुंडई i20 के अलावा एक और गाड़ी- लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट भी है। सूत्रों के अनुसार इसे हरियाणा के खांडवाली गांव में एक फॉर्महाउस में पाया गया। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि एक युवक को पिछली सीट पर देखा गया और जांच एजेंसियां उसे अपने साथ ले गईं। दिल्ली के सभी पुलिस थानों, पुलिस चौकियों और सीमा चौकियों को लाल इकोस्पोर्ट कार पर नजर रखने के लिए सतर्क किया गया था।
बता दें कि दिल्ली में धमाका जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा हरियाणा के फरीदाबाद में दो घरों से लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक बरामद करने के कुछ ही घंटों बाद हुआ। पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल शकील नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था और वह भी अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा है।
शकील की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी डॉ. आदिल राठेर की गिरफ्तारी के बाद हुई, जिनसे श्रीनगर में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

