नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में दीपावली पर वायु गुणवत्ता में काफी गिरावट देखी जा रही है। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ग्रैप-2 लगा हुआ है। इसके बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक “बहुत खराब” श्रेणी में बना हुआ है। वहीं, कुछ निगरानी स्टेशनों पर यह ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया है। शहर के अधिकतर इलाकों में धुएं की धुंध छाई हुई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सीपीसीबी के आंकड़ों के हवाले से लिखा कि दीवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब हो गई। यहां पर 38 में से 24 स्टेशनों पर प्रदूषण का स्तर “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया। आनंद विहार में एक्यूआई 400 को पार कर गया जिससे स्थिति और भी खराब हो गई।
रविवार, 19 अक्टूबर के बाद सोमवार (20 अक्टूबर) को भी वायु गुणवत्ता अधिकांश स्टेशनों पर एक्यूआई 300 से अधिक था। आनंद विहार और वजीरपुर में एक्यूआई 400 पार था।
सोमवार, 20 अक्टूबर सर्वाधिक खराब गुणवत्ता आनंद विहार स्टेशन पर 414 थी। वहीं, दिल्ली में सबसे अच्छी गुणवत्ता अरबिंदों मार्ग स्टेशन पर दर्ज की गई। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 158 था। सोमवार को 29 स्टेशन “बेहद खराब” श्रेणी में थे। सुबह के समय वजीरपुर स्टेशन पर सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज कराई गई। यहां एक्यूआई 419 था।
सुबह 10 बजे क्या था एक्यूआई?
400 से ऊपर वाले स्टेशनों की संख्या 10 बजे के बाद 2 थी। बहुत खराब श्रेणी (301-400) के स्टेशनों की संख्या 27 थी। खराब श्रेणी (201-300) के स्टेशनों की संख्या 6 थी और मध्यम या उससे बेहतर की श्रेणी (0-200) के स्टेशनों की संख्या 2 थी।
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सीपीसीबी 0-50 से बीच एक्यूआई को “अच्छा श्रेणी” में और 51-100 श्रेणी के बीच को “संतोषजनक” श्रेणी में रखते हैं। वहीं, 101-200 के बीच को मध्यम और 201-300 के बीच को खराब और 301-400 के बीच की श्रेणी को बहुत खराब और 401-500 को गंभीर श्रेणी में रखा गया है।
दिल्ली में लागू है ग्रैप-2
दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए ग्रैप-2 लागू किया गया है। इससे पहले 14 अक्टूबर को ग्रैप-1 लागू किया गया था। ग्रैप-2 के तहत बारह उपाय लागू किए गए हैं। इसमें डीजल जेनरेटर सेट से संबंधित प्रतिबंधों का सख्ती से पालन, इलेक्ट्रिक और सीएनजी और बीएस-6 बसों के अलावा दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा निजी वाहनों पर रोक के लिए पार्किंग शुल्क में भी वृद्धि की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि इसी हफ्ते दीवाली पर ग्रीन पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक, सुबह 6 से शाम 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति है।
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आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली में गुणवत्ता की स्थिति खराब होती है। दीवाली के समय यह और भी खराब हो जाती है। इसके अलावा दिल्ली और आसपास के इलाकों में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की वजह से भी वायु गुणवत्ता खराब होती है।